
कांग्रेस ने जंगली जानवरों को रोकने के लिए वॉचमैन तैनात करने व बैरिकेटिंग लगाने का सुझाव दिया

सरकार को राज्य के लोगों के जीवन की सुरक्षा का जिम्मा लेना ही होगा
पहाड़ का सच देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि राज्य में जंगली जानवरों के हमलों से लोगों के मारे जाने की घटनाएं अति दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इन घटनाओं से लोग हर वक्त दहशत में जी रहे हैं। कांग्रेस ने जंगली जानवरों के हमले रोकने के लिए सरकार को सुझाव दिए लेकिन सरकार अमल करने को तैयार ही नहीं। .शुक्रवार को मीडिया को दिए एक बयान में पीसीसी अध्यक्ष गोदियाल ने कहा कि उत्तराखंड में एक ही जगह नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में जंगली जानवरों के हमलों से लोग मारे जा रहे हैं। इससे लोगों में हर वक्त दहशत है। उन्होंने दिन प्रतिदिन बढ़ते हमलों को देखते हुए सरकार को जानवरों के हमलों से बचने के लिए सुझाव दिए।
एक सुझाव में कहा गया कि प्रत्येक गांव में वॉच मैन नियुक्त किए जाएं तो ड्रोन या सीसीटीवी कैमरों की मदद से जंगली जानवरों का मूवमेंट देख सकें और नियमित रूप से समूचे क्षेत्र में निगरानी रख सकें। इससे जंगली जानवर आबादी की तरफ रुख नहीं कर सकेंगे।
दूसरा, जंगलों और आबादी के बीच केंद्र सरकार की मदद से मजबूत बैरिकेडिंग बनाई जाए जिससे जंगली जानवर आबादी के बीच न आ सकें। इससे लोगों की सुरक्षा भी हो सकेगी और जंगली जानवर को भी नुकसान नहीं होगा। गोदियाल ने कहा कि वे सरकार को कई बार उपरोक्त आशय के सुझाव दे चुके हैं किंतु सरकार अमल करने को तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा कि उनकी राज्य के सभी लोगों से अपील है कि तड़के सुबह और शाम को अंधेरा होने पर घर से बाहर अकेले न जाएं। जाना अनिवार्य हो तो कुछ लोगों को साथ में लेकर निकलें।
सेवा में,
प्रमुख वन संरक्षक,
वन विभाग, उत्तराखण्ड़।
विषयः- पहाड़ सहित प्रदेशभर मे विभिन्न ग्रमीण क्षेत्रों व शहर में वन्यजीव जैसे भालू, बाघ, हाथी,
बन्दरों, सुअर से जनमानस की सुरक्षा के सम्बन्ध में।
महोदय,
हमारे प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल द्वारा उपरोक्त के सम्बन्ध में एक ज्ञापन प्रस्तुत किया था । खेद है कि उस पर अभी तक भी कोई कार्यवाही नही हुई है। इसलिए पुनः आपसे निवेदन है कि पूरे राज्य के पहाड़ी क्षेत्रो व शहर मे भालु, हाथीयों, बन्दरों आदि से पहाड़ व देहरादून नगरवासी अत्यधिक पीड़ित हैं। कैन्ट, सहस्त्रधारा, नकरौंदा, केसरवाला, बालावाला, डोईवाला, नथुआवाला, गुलरघाटी ग्राम सहित आसपास की ग्राम सभाओं में जगंली हाथीयों से फसल व जान-माल की हानि को निरंतर भारी हानि हो रही है वहीं बन्दरों के निरंतर आक्रमण से नगरवासी भी लगातार पीड़ित हो रहे है।
भालू ,बाघ ने कई लोगो को अपना निवाला बनाया है। इससे रक्षा के लिए हर ड़ीएफओ क्षेत्र में ट्रेन्कुलाईजर गन, रस्सी जाल की अतिरिक्त व्यवस्था की जानी चाहिए। हरीश रावत के नेतृत्व वाली सरकार ने बन्दर व सुअर बाड़े बनाने के लिए योजनाये बनाई थी व इसके लिए बजट भी स्वीकृत किया गया था परन्तु वन विभाग की लापरवाही के कारण उपरोक्त योजना क्रियांवित नही हो पाई है। वहीं बन्दरों व सुअर के आतंक से जनता त्राही-त्राही कर रही है और बन्दरों के हिसंक आक्रमण भी लगातार बढ़े है। इसी प्रकार से हाथीयों को आबादी की ओर आने से रोकने के लिए भी योजनाये बनाई गई थी जिस पर विभाग के उदासीन रवईये के कारण कुछ नही हो पाया है उनके हिसंक हमले लगातार फसलों व लोगो के लिए प्राण घातक होते जा रहे है।
बताया जाता है कि कैम्पा में व अन्य मदों में इसके लिए धनराशि की व्यवस्था हो रखी है, फसलों व जान-माल की हानि का मुआवजा देने में भी वन विभाग कौताही कर रहा है, विभाग इस ओर भी आख मूदें बैठा है।
आशा है कि भालु, हाथी, बन्दर, सुअर आदि से जनता की जान-मान की सुरक्षा को सुनिश्चित करने व बन्दर व सुअर बाड़े बनाने के लिए उचित कार्यवाही करने के निर्देश देने का कष्ट करें।
सादर
भवदीया
(आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा)
प्रतिलिपिः-
1. मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड़ सरकार।
महिला कांग्रेस ने वन मुख्यालय को बाघ, बन्दर, हाथी के हमलों के विरोध में प्रदर्शन
प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में बाघ, हाथी, भालू के लगातार बढ़ रहे हमलों से जनता की रक्षा करने को लेकर महिला कांग्रेस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा के नेतृत्व में देहरादून राजपुर रोड वन मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया। आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने कहा कि में वन्यजीव जैसे भालु, बाघ, हाथीयों, बन्दरों, सुअर से जनमानस की सुरक्षा करने में सरकार व वन विभाग की उदासीनता जान लेवा होती जा रही है। वन विभाग मात्र सजावटी विभाग बन कर रह गया है। अवैध खनन और खनन की गाड़ियों से वसूली करने की सिवा विभाग जनता को सुरक्षा करने में असफल रहा है।
पिछले कुछ समय पूर्व भी प्रदर्शन किया गया था खेद है कि उस पर अभी तक भी कोई कार्यवाही नही हुई है इसलिए पुनः आपसे निवेदन है कि देहरादून जनपद सहित प्रदेशभर मे विभिन्न ग्रमीण क्षेत्रों व शहर में बाघ, भालु, हाथीयों, बन्दरों आदि से पहाड़ व देहरादून नगरवासी अत्यधिक पीड़ित है। पहाड़ भर नित वन जीवों के हमले निरंतर बढ़ रहें, लोगो की जान जा रही है मैदानी इलाकों में भी जगंली हाथीयों से फसल व जान.माल की हानि को निरंतर भारी हानि हो रही है वहीं बन्दरों के निरंतर आक्रमण से नगरवासी भी लगातार पीड़ित हो रहे है। भालु, बाघ ने कई लोगो को अपना निवाला बनाया है इससे रक्षा के लिए हर ड़ीएफओ क्षेत्र में ट्रेन्कुलाईजर गन, रस्सी जाल की अतिरिक्त व्यवस्था की जानी चाहिए।
हरीश रावत के नेतृत्व वाली सरकार ने बन्दर व सुअर बाड़े बनाने के लिए योजनाये बनाई थी व इसके लिए बजट भी स्वीकृत किया गया था परन्तु वन विभाग की लापरवाही के कारण उपरोक्त योजना क्रियांवित नही हो पाई है। वहीं बन्दरों व सुअर के आतंक से जनता त्राही-त्राही कर रही है और बन्दरों के हिसंक आक्रमण भी लगातार बढ़े है। इसी प्रकार से हाथीयों को आबादी की ओर आने से रोकने के लिए भी योजनाये बनाई गई थी जिस पर विभाग के उदासीन रवईये के कारण कुछ नही हो पाया है उनके हिसंक हमले लगातार फसलों व लोगो के लिए प्राण घातक होते जा रहे है। बताया जाता है कि कैम्पा में व अन्य मदों में इसके लिए धनराशि की व्यवस्था हो रखी है, फसलों व जान-माल की हानि का मुआवजा देने में भी वन विभाग कौताही कर रहा है, विभाग इस ओर भी आख मूदें बैठा है।
आशा है कि बाघ, हाथी, बन्दर, सुअर आदि से जनता की जान.माल, खेती की सुरक्षा को सुनिश्चित करने व बन्दर व सुअर बाड़े बनाने के लिए उचित कार्यवाही करने के निर्देश देने का कष्ट करें। इस अवसर पर उर्मिला थापा, पुष्पा पंवार, रेखा डिंगरा, अनुराधा तिवारी, बबिता सहित दर्जनों महिलाएं उपस्थित रही।
