
एनसीआरबी रिपोर्ट : चोरी हुई संपत्ति की बरामदगी दर 52.4 फीसद पहुंची

पहाड़ का सच देहरादून। उत्तराखंड में महिला अपराध और साइबर यौन अपराधों में करीब 13 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है। चोरी के मामलों में रिकवरी दर की 52 फीसद है जो राष्ट्रीय औसत से दोगुनी है।
पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में बताया कि उत्तराखंड राज्य में 2024 में महिलाओं के प्रति होने वाले कुल अपराधों में 12 फीसद की कमी आई है। वर्ष 2022 में 4337 महिला अपराध के मामले दर्ज हुए। वर्ष 2023 में 3808 और 2024 में ये मामले 3342 रह गए। इनमें हत्या के मामलों में वर्ष 2024 में 2023 की तुलना में 1.75 फ़ीसद की कमी आई। 56 मामले हत्या के दर्ज हुए। दहेज हत्या के मामलों में 2024 में 2023 की तुलना में 20 फीसद की कमी आई।
वर्ष 2024 में 530 अपहरण के मामले सामने आए थे। इनमें से 94 फीसद मामलों का खुलासा हुआ। बलात्कार के 98 फ़ीसद मामलों में खुलासा हुआ और आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। इसी का परिणाम रहा है कि वर्ष 2024 में वर्ष 2023 की तुलना में साइबर यौन अपराधों में 13 फीसद की कमी आई है।
बच्चों से संबंधित मामलों में वर्ष 2023 में राज्य में कुल 1025 बच्चे गुमशुदा हुए थे। इनमें 729 बालिकाएं तथा 296 बालक शामिल थे। पुलिस ने इनमें से 654 बालिकाएं और 279 बालकों सहित कुल 933 बच्चों को वर्ष 2023 के अंत तक बरामद कर लिया था। ये आंकड़े भी एनसीआरबी की रिपोर्ट में प्रकाशित किए गए हैं।
साइबर अपराध में दोषसिद्धि राष्ट्रीय औसत से ढाई गुनी
साइबर ठगी के मामलों में पुलिस ने कुल 47.02 करोड़ रुपये वापस कराने में सफलता हासिल की है। इस मामले में पुलिस का देश में छठा स्थान है। जबकि, साइबर अपराधों में आरोपियों की दोष सिद्ध राष्ट्रीय औसत से ढाई गुना है। प्रदेश में 64 फीसदी से अधिक मामलों में पुलिस ने पैरवी कर आरोपियों को अदालत में दोषी करार कराया है। जबकि, राष्ट्रीय औसत करीब 27 फीसदी है। अपराध दर्ज करने से लेकर अदालतों में मुकदमों की पैरवी के मामले में उत्तराखंड पुलिस का प्रदर्शन देश के कई राज्यों से बेहतर रहा है।
