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अल्मोड़ा। अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संघ ने पेंशन संबंधित प्रकरणों का समाधान ना होने पर मुख्य शिक्षा अधिकारी अल्मोड़ा के कार्यालय में भूख हड़ताल शुरू कर दी है। भूख हड़ताल पर सभी वरिष्ठ सेवानिवृत शिक्षक बैठे हैं। उनका कहना है कि कुछ रिटायर्ड शिक्षकों को तीन साल से पेंशन नहीं मिली है।

वहीं रिटायर्ड शिक्षकों की मांग है कि अंतिम वेतन के आधार पर उनको पेंशन दी जाए। इस दौरान रिटायर्ड शिक्षकों ने शिक्षा अधिकारी के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए। उन्होंने मांगें पूरी होने तक अनशन जारी रखने की घोषणा की। उनका कहना है कि उत्तराखंड के 13 जिलों में से सिर्फ अल्मोड़ा जिले में रिटायर्ड शिक्षकों के साथ ये व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने शिक्षाधिकारी पर अपनी मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षक भूख हड़ताल पर मजबूर हो गए हैं, क्योंकि अल्मोड़ा के मुख्य शिक्षा अधिकारी अशासकीय शिक्षकों का उत्पीड़न कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस भूख हड़ताल से यदि कोई अनहोनी होती है तो इसकी समस्त जिम्मेदारी मुख्य शिक्षा अधिकारी की होगी। अनशन पर बैठे एक शिक्षक ने कहा कि 2023 से ये प्रकरण चल रहा है। 2023 में कुछ सेवानिवृत्त शिक्षकों को तो अंतिम वेतन के आधार पर पेंशन दी गई, लेकिन अधिकतर को नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें अंतरिम वेतन के आधार पर पेंशन नहीं दी जाती, उनका आमरण अनशन जारी रहेगा।
अनशन में बैठे वरिष्ठ शिक्षण अनेक बीमारियों से ग्रस्त हैं, ऐसे में अगर कोई अनहोनी होती है तो उसके लिए शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे। इधर, मुख्य शिक्षा अधिकारी अत्रेश सयाना ने कहा कि 2017 के शासनादेश के आधार पर इनको इसका लाभ नहीं दिया जाना है। इसी नियमावली के अनुसार कार्रवाई की गई है। शासन और निदेशालय स्तर से जो भी आदेश प्राप्त होंगे, इस अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
