
बुजुर्ग दंपति ने बेटे, बहु व उनके बच्चों को बेदखल न करने का डीएम ने किया आग्रह

भरणपोषण एक्ट में दायर किया था बुजुर्ग दंपति ने डीएम न्यायालय में केस
पहाड़ का सच देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल के संवेदनशील सुझाव से एक बुजुर्ग दंपति का परिवार बिखरने से बच गया। पुत्र व पुत्रवधु पर भरण पोषण में अनदेखी से नाराज बुजुर्ग दंपति अब साथ रहने को तैयार हो गए। पुत्र व पुत्र बधु ने भी अपनी गलती स्वीकार कर भविष्य में सास ससुर का पूरा ख्याल रखने का भरोसा दिलाया है। बावजूद इसके जिला प्रशासन की टीम परिवार की नियमित काउंसलिंग करेगी।
जिलाधिकारी सविन बंसल के सम्मुख एक बुजुर्ग दम्पति ने अपने पुत्र एवं पुत्र वधु को बेदखली करने की फरियाद लगाई। आरोप था कि बेटा और उसकी बहु उनकी देखभाल नहीं करते। डीएम सविन बंसल ने दो सुनवाई में परिजनों के आपसी विवाद जो परिवार के विखण्डन का कारण बन रहा था, को अपनी सूजबूझ से बुजुर्ग दंपत्ति को समझाते हुए तीन नौनिहालों के साथ बेटे बहु को बेदखल न करने का आग्रह किया। दोनों पक्षों को समझाया जिससे परिवार को टूटने से बचाने का प्रयास किया है।
जिलाधिकारी ने परिजनों को एक-दूसरे के कर्तव्य एवं जिम्मेदारियों का स्मरण कराया व आपस में साथ रहने का अनुरोध किया। निर्धन बेटा-बहु को बुजुर्गों को साथ रखने तथा बुजुर्ग दम्पति को इस अवस्था में पुत्र एवं उसके परिवार का साथ नही छोड़ने के प्रेरित किया। बुजुर्ग दम्पति ने बेटे-बहु से नाराज होकर न्यायालय जिला मजिस्टेट कोर्ट में भरण पोषण अधिनियम में वाद दर्ज कराया था।
जानकारी के अनुसार 22 अगस्त 2025 को खुड़बुड़ा निवासी बुजुर्ग दम्पति जसंवत सिंह व उनकी पत्नी ने जिलाधिकारी कार्यालय में डीएम के सामने शिकायत की थी कि उनका पुत्र तथा पुत्रवधु उन्हें प्रताड़ित करते हैं लिहाजा वे दोनों को अपने घर से बेदखल करना चाहते हैं।
जिलाधिकारी सविन बसंल ने दोनो पक्षों को सुना तथा परिजनों का आपसी मनमुटाव दूर कराते हुए आपस में मिलजुलकर रहने की सलाह दी है। जिला प्रशासन की इसकी निरंतर माॅनिटिरिंग करेगा तथा दोनो पक्षों को आपस में मिलजुलकर रहने तथा एक- दूसरे के अधिकारों का अतिक्रमण नही करने का आग्रह किया गया। . निर्धन पुत्र व पुत्रवधु एवं बुजुर्ग माता-पिता में सुलह से एक परिवार टूटने से बचने का प्रयास किया। बुजुर्ग दंपति के 4 पुत्र हैं जिनमें दो पुत्र अपने परिवार संग अलग रहते हैं तथा एक पुत्र व उसकी पत्नी के विरुद्ध दंपति ने भरण पोषण अधिनियम में केस दर्ज किया था, उसके 3 नाबालिग बच्चे हैं, जिनमें 2 बालिका तथा 1 बालक है, बेटे का कपड़े का अल्प व्यवसाय है तथा आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। जिलाधिकारी ने बुजुर्ग दंपति से आग्रह किया कि अपने बेटे बहु तथा नाबालिग नौनिहालों को अपनी घर कुटिया से ना निकाले। साथ ही बेटे बहु को बुजुर्गों के प्रति उनके कर्तव्य एवं जिम्मेदारियां भी स्मरण कराया।
