
पहाड़ का सच/एजेंसी।

नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज अपना स्थापना दिवस मना रहा है। विजयदशमी के दिन 1925 में संघ की स्थापना हुई थी और तब से संघ विजयादशमी उत्सव मनाता चला आ रहा है। यह वर्ष संघ का शताब्दी वर्ष है और 2025 विजयादशमी से 2026 विजयादशमी तक संघ शताब्दी वर्ष मनाएगा। नागपुर के रेशमबाग के मैदान पर मुख्य समारोह आयोजित किया गया है। शताब्दी वर्ष होने की वजह से इस वर्ष काफी ज्यादा व्यापक तौर पर तैयारी की गई, लगभग 21000 स्वयंसेवकों की उपस्थिति में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया।
बाहरी देशों के अथिति हुए शामिल
इस बार समारोह में घाना, दक्षिण अफ्रीका ,थाईलैंड, इंडोनेशिया, यूके, जैसे देश के अतिथि भी शामिल होने के लिए पहुंचे हुए हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले,संघ के गडवेश मे मौजूद रहे ।
संबोधन से पहले स्वयं सेवकों द्वारा ध्वज प्रणाम, शस्त्र पूजन, घेाषवाद, प्रदक्षिणा किया गया
संघ प्रमुख के संबोधन से पहले ध्वज प्रणाम, शस्त्र पूजन, घेाषवाद, प्रदक्षिणा स्वयंसेवकों द्वारा किया गया। फिर संघ की घेाषवाद की धुन पर ध्वज वंदन किया गया, तत्पश्चात स्वयंसेवकों ने योग, दंड, नियुद्ध, शारीरीक प्रत्याक्षिक भी किया। सुबह करीब साढ़े सात बजे शुरू हुए इस समारोह में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने सबसे पहले शस्त्र पूजा की, जो धर्म की रक्षा और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इसके पश्चात आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में आरएसएस विजयादशमी उत्सव कार्यक्रम में संगठन के संस्थापक के.बी. हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, जो इस समारोह के मुख्य अतिथि थे, भी मौजूद रहे ।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन की शुरुआत विजयादशमी की बधाई से की। कोविंद ने कहा कि मेरे जीवन में नागपुर के दो महापुरुषों का बहुत बड़ा योगदान है- डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार और बाबा साहब भीमराव आंबेडकर। पूर्व राष्ट्रपति ने संघ के अब तक के सफर में सरसंघचालकों के योगदान के बारे में बताया।
पहलगाम मामले में सेना और हमारी सरकार ने पुरजोर उत्तर दिया
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन में पहलगाम की घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा- पहलगाम में 26 नागरिक की धर्म पूछकर हत्या हुई,सारे देश में दुख की लहर फैल गई। लेकिन हमारी सेना और हमारी सरकार ने पुरजोर उत्तर दिया,अपनी सुरक्षा के लिए सजग समर्थ रहना होगा। इसके बाद जो भूमिका हुई इससे पता चला हमारे कौन मित्र है।
