
पहाड़ का सच देहरादून।

नालापानी क्षेत्र के संरक्षित जंगल में भूमाफिया द्वारा जगंल के बीचोबीच निर्माण कार्य शुरू करा दिया था हालांकि मामले की जानकारी मिलने के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग व पुलिस की मौजूदगी में अवैध रूप से हुए इस कब्जे को हटा दिया है ।ग्रामीणों की मांग है कि क्षेत्र के डीएफओ, रेंजर व फारेस्ट गार्ड की मांमले में मिली भगत है इसलिए उनको संस्पेड किया जाये।
खलंगा के संरक्षित वन भूमि पर कब्जे की शिकायत, 40 बीघा जमीन पर कैंप बनाने की योजना
बताते चलें कि नालापानी क्षेत्र के खंलगा मार्ग पर हल्दूआम के पास जंगल में 40 बीघा जमीन पर भूमाफिया द्वारा कैंप लगाने की तैयारी शुरू कर दी गयी थी। जबकि मामले में वन विभाग बेखबर था। मामले की जानकारी जब ग्रामीणो को हुई तो उन्होने इसका विरोध करना शुरू कर दिया और वन विभाग को इसकी सूचना दी। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और उसने कोई कार्यवाही नहीं की।
इस बात से गुस्साये ग्रामीण शनिवार की सुबह एकत्र हुए और उन्होने वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कब्जे वाली जगह पर धावा बोल दिया। मामले की जानकारी मिलने पर वन विभाग और पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंची और उन्होने ग्रामीणों को समझाया। लेकिन ग्रामीणों ने उनकी एक न सुनते हुए सारे अवैध अतिक्रमण को धराशाही कर के ही दम लिया।
मामले में जब रायपुर पुलिस से जानकारी ली गयी तो पुलिस का कहना था कि अभी किसी की तरफ से कोई शिकायत नही की गयी है। शिकायत मिलने पर कार्यवाही की जायेगी। वहीं ग्रामीणो का कहना है कि इस मामले में वन विभाग के लोगों की मिली भगत है इसलिए डीएफओ, रेंजर व फारेस्टर को संस्पेड किया जाये।
अब सवाल ये उठता है कि जो कार्य वन विभाग को करना चाहिए था वो ग्रामीण कर रहे हैं ।
