
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

*वैदिक पंचांग *
*⛅दिनांक – 07 जून 2025*
*⛅दिन – शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2082*
*⛅अयन – उत्तरायण*
*⛅ऋतु – ग्रीष्म*
*🌤️ अमांत – 25 गते ज्येष्ठ मास प्रविष्टि*
*🌤️ राष्ट्रीय तिथि – 15 ज्येष्ठ मास*
*⛅मास – ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – द्वादशी पूर्ण रात्रि तक*
*⛅नक्षत्र – चित्रा सुबह 09:40 तक तत्पश्चात् स्वाती*
*⛅योग – वरीयान सुबह 11:18 तक तत्पश्चात् परिघ*
*⛅राहुकाल – सुबह 08:48 से सुबह 10:32 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:16*
*⛅सूर्यास्त – 07:16*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त – प्रातः 04:29 से प्रातः 05:11 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:11 दोपहर 01:06*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:18 जून 08 से रात्रि 01:00 जून 08 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – वैष्णव निर्जला एकादशी, रामलक्ष्मण द्वादशी, सर्वार्थसिद्धि योग (प्रातः 9:40 से प्रातः 05:53 जून 08 तक)*
निर्जला एकादशी उपवास सभी सनातनियों रखे
*⛅विशेष – द्वादशी को पुतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*
*🌹निर्जला एकादशी 07 जून 2025🌹*
*🔹एकदाशी में क्या करें, क्या ना करें ?*
*🔸1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें, नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करे ।*
*🔸2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, विष्णु सहस्रनाम पाठ करें ।*
*🔸हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l*
*🔸राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
*🔸3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जाप करना चाहिए ।*
*🔸4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*
*🔸5. एकदशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाएं । इस दिन फल आहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*
*🔸6. व्रत के ( दशमी, एकादशी और द्वादशी ) – इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) – इनका सेवन न करें ।*
*🔸7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*
*🔸8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*
*🔸9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*
*🔸10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें, इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*
*🔸11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*
*🔸12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*
*🔸13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1बजे तक) ।*
*🔸14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*
*🔸 इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।*
🙏💐🌹🍁🕉️🪷🌺🌲🚩🌹💐🙏
