
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 28 फरवरी 2025*
*⛅दिन – शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – उत्तरायण*
*⛅ऋतु – बसन्त*
*⛅मास – फाल्गुन*
*🌥️अमांत – 17 गते फाल्गुन मास प्रविष्टि*
*🌥️राष्ट्रीय तिथि – 9 फाल्गुन मास*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – अमावस्या प्रातः 06:14 तक तत्पश्चात प्रतिपदा रात्रि 03:16 मार्च 01 तक, तत्पश्चात द्वितीया*
*⛅नक्षत्र – शतभिषा दोपहर 01:40 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
*⛅योग – सिद्ध रात्रि 08:08 तक, तत्पश्चात साध्य*
*⛅राहु काल – सुबह 11:04 से दोपहर 12:30 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:45*
*⛅सूर्यास्त – 06:14*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:23 से 06:13 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:29 से दोपहर 01:16 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:27 मार्च 01 से रात्रि 01:17 मार्च 01 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – राष्ट्रीय विज्ञान दिवस*
*⛅विशेष – प्रतिपदा को कुष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाएं क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹अजीर्ण की निवृत्ति हेतु रखें इन बातों का ध्यान🔹*
*🔸वर्तमान में अधिकांश लोग पेट के रोगों से, विशेषतः अजीर्ण से ग्रस्त देखे जाते हैं । इसका कारण है भोजन में स्वास्थ्य नहीं बल्कि स्वाद की प्रधानता, भोजन-संबंधी नियमों का अज्ञान या उन्हें शर महत्त्व न देना, भूख से ज्यादा खाना, जले हुए या भलीभाँति न पके भोजन, बासी आहार, पनीर, मावा आदि देर से पचनेवाले पदार्थों का सेवन, देर रात को या जल्दी-जल्दी भोजन करना आदि ।*
*🔸चरक संहिता के अनुसार पूर्व में सेवन किया हुआ आहार पच जाने पर ही भोजन करना चाहिए । अजीर्ण में भोजन करने से पहलेवाले आहार का अपचित रस बाद के आहार के रस के साथ मिश्रित होने पर सभी दोषों को शीघ्र प्रकुपित करता है । अतः पूर्व का भोजन भली प्रकार पचने पर ही भोजन करें ।*
*🔸प्रतिदिन पैदल भ्रमण, आसन, व्यायाम आदि करें । खूब चबा-चबाकर भोजन करें । जल्दी- जल्दी भोजन करने से जठराग्नि को भोजन पचाने में अधिक श्रम पड़ता है और पाचक रस भी उचित रूप में उत्पन्न नहीं हो पाता ।*
*🔸”पहले का खाया हुआ खाना पचा-न पचा और दूसरा खाया तो आम (कच्चा, अपचित रस) बनेगा । ठाँस-ठाँस के खाया फिर बोले ‘एसिडिटी हो गयी, पेट की खराबियाँ हो गयीं…।’ कब खाना, कैसे खाना, कितना खाना, क्या खाना, क्या न खाना – इसका बुद्धिपूर्वक विचार करें फिर खायें तो तंदुरुस्त रहेंगे ।
