
पहाड़ का सच/एजेंसी।
दिल्ली में भाजपा की ऐतिहासिक वापसी: 27 साल बाद मिलेगा सत्ता का सुख
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम आदमी पार्टी (आप) को सत्ता से बाहर कर 27 साल बाद राजधानी में वापसी की है। वो 5 प्रमुख कारण, जिन्होंने भाजपा को जीत दिलाई और ‘आप’ की हार सुनिश्चित की— भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से निकली ‘आप’ खुद घोटालों में घिर गई। शराब नीति घोटाले में केजरीवाल सहित कई बड़े नेताओं की गिरफ्तारी से जनता में नकारात्मक संदेश गया, जिससे भाजपा को फायदा हुआ। भाजपा ने महिलाओं को ₹2500 भत्ता, सस्ती गैस, फ्री बिजली-पानी जैसी घोषणाओं से आप की मुफ्त योजनाओं की काट की। डबल इंजन सरकार की रणनीति ने भी लोगों को लुभाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को लेकर जनता का भरोसा बरकरार रहा। भाजपा ने पूरे चुनाव में मोदी के नाम पर वोट मांगे और दिल्ली की जनता ने इस पर विश्वास जताया। यमुना की सफाई में विफलता, गंदे पानी की समस्या और खराब सड़कों ने आप सरकार के खिलाफ माहौल बनाया। भाजपा ने इन मुद्दों को जमकर भुनाया। कांग्रेस ने भले ही सीटें न जीती हों, लेकिन उसका वोट शेयर बढ़ने से आप को सीधा नुकसान हुआ और भाजपा को इसका फायदा मिला। इन प्रमुख कारणों से भाजपा ने दिल्ली में जीत का परचम लहराया और आप को सत्ता से बाहर कर दिया।
दिल्ली की 14 सीटों पर कांग्रेस की वजह से हारी ‘आप’
दिल्ली विधानसभा के चुनाव परिणाम में बीजेपी को प्रचंड बहुमत प्राप्त हो गया। वहीं आम आदमी पार्टी की करारी हार हुई, जो पिछले 10 साल से दिल्ली की सत्ता पर काबिज थी। वहीं कांग्रेस के हाथ एक भी सीट नहीं आ पाई। कांग्रेस का सूपड़ा जरूर साफ हो गया, लेकिन 70 सीटों में से 14 सीटें ऐसी रही, जिन पर कांग्रेस के कारण ‘आप’ को हार का सामना करना पड़ा। दिल्ली चुनाव के परिणामों पर जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कह दिया कि ‘और लड़ो आपस में’। इस बयान का यही मतलब निकलता है कि कांग्रेस की वजह से आप की हार में वोटों का मार्जिन बहुत कम रहा। यदि आप और कांग्रेस में गठबंधन होता तो दिल्ली में दोनों पार्टियों की गठबंधन की सीटें 37 हो सकती थीं, जो बहुमत से एक सीट ज्यादा है। दरअसल, 14 सीटें ऐसी रहीं, जिनमें आप की हार का अंतर कांग्रेस को मिले मतों से कम है।
मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा की बड़ी जीत, योगी की रणनीति हुई कारगार
अयोध्या के मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा ने भारी मतों से जीत दर्ज कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मजबूत संगठन क्षमता को साबित किया है। पूरे चुनाव में पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फैक्टर असरहीन दिखा, जिससे समाजवादी पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ। राम मंदिर निर्माण के बावजूद फैजाबाद लोकसभा सीट पर मिली हार की भरपाई भाजपा ने मिल्कीपुर में कर ली। भाजपा की शुरुआती बढ़त अंत तक बरकरार रही। पार्टी ने मतदाताओं तक यह संदेश प्रभावी ढंग से पहुंचाया कि लोकसभा चुनाव की हार की भरपाई जरूरी है, जिसका सीधा फायदा मिला।
दिल्ली चुनाव में AAP की हार पर उमर, अन्ना और संजय राउत की प्रतिक्रिया*
दिल्ली विधानसभा चुनाव में 27 साल बाद भाजपा ने सत्ता में वापसी की और आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका दिया। इस हार पर कई राजनीतिक नेताओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कांग्रेस और AAP के अलग-अलग चुनाव लड़ने को हार का कारण बताया। उन्होंने कहा कि अगर दोनों दल साथ होते तो भाजपा की हार तय थी, साथ ही, उन्होंने भाजपा पर दिल्ली में ‘महाराष्ट्र पैटर्न’ लागू करने का आरोप लगाया। अन्ना हजारे ने AAP की हार के लिए शराब नीति को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल अपनी छवि को बेदाग नहीं रख सके और इसी वजह से जनता ने उन्हें नकार दिया। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी AAP और कांग्रेस की आपसी लड़ाई को हार का कारण बताया।
दिल्ली चुनाव में मोदी मैजिक : जिन जिलों में किया प्रचार, वहां BJP को बढ़त
दिल्ली विधानसभा चुनाव के रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बहुमत मिलता दिख रहा है। इस जीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रभाव साफ नजर आ रहा है। पीएम मोदी ने जहां-जहां प्रचार किया, वहां भाजपा को जबरदस्त बढ़त मिली। प्रधानमंत्री ने दिल्ली के चार प्रमुख जिलों—उत्तर-पश्चिम दिल्ली, पूर्वोत्तर दिल्ली, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली और नई दिल्ली में प्रचार किया। उनकी रैलियों का असर इन जिलों की कई विधानसभा सीटों पर दिखा, जहां भाजपा उम्मीदवारों ने मजबूत स्थिति बना ली। 3 जनवरी को रोहिणी से शुरू हुई पीएम की रैली अभियान में 29 जनवरी को पूर्वोत्तर दिल्ली, 31 जनवरी को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली और अंत में नई दिल्ली जिले में प्रचार किया गया। इन सभी क्षेत्रों में भाजपा को अच्छी बढ़त मिलती नजर आ रही है, जिससे साफ है कि पीएम मोदी की लोकप्रियता ने चुनावी नतीजों को प्रभावित किया।
दिल्ली चुनाव : भाजपा की जीत पर विपक्षी नेताओं की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। चुनावी नतीजों पर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस और आप के अलग-अलग लड़ने पर तंज कसते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “और लड़ो आपस में!” वहीं, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि अगर कांग्रेस और आप ने गठबंधन किया होता तो भाजपा की हार तय थी। भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने इसे पीएम मोदी की नीतियों पर जनता के भरोसे की जीत बताया और कहा कि दिल्ली के लोग “प्रयोग की राजनीति से थक चुके थे।” सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आम आदमी पार्टी की हार को अरविंद केजरीवाल की छवि से जोड़ा। उन्होंने कहा कि “शराब घोटाले के आरोपों से उनकी छवि धूमिल हुई, जिससे जनता का भरोसा टूटा।”
दिल्ली चुनाव : आप की हार पर अन्ना हजारे ने साधा निशाना
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने आम आदमी पार्टी के विजय रथ को रोक दिया है। अब तक के रुझानों में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है, जबकि सीएम आतिशी को छोड़कर लगभग पूरी कैबिनेट हार चुकी है। आम आदमी पार्टी की हार पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “शराब नीति और पैसे की राजनीति के कारण पार्टी डूब गई।” उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि “जो व्यक्ति चरित्र की बात करता था, वही भ्रष्टाचार और शराब नीति में उलझ गया।” अन्ना हजारे ने यह भी कहा कि “आप निस्वार्थ सेवा करने में असफल रही और गलत रास्ते पर चली गई, जहां पैसे ने प्राथमिकता ले ली और जनता की सेवा पीछे रह गई।” गौरतलब है कि 2011 में अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन हुआ था, जिससे प्रेरित होकर अरविंद केजरीवाल ने 2012 में आम आदमी पार्टी की स्थापना की थी। हालांकि, बाद में दोनों के रास्ते अलग हो गए।
UP के स्कूलों में करियर काउंसलिंग के लिए शुरू होंगे विशेष सत्र
सरकारी माध्यमिक स्कूलों में छात्रों की करियर काउंसलिंग के लिए विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। इंजीनियरिंग, मेडिकल व अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञ करियर चुनने में विद्यार्थियों की मदद करेंगे। विद्यालयों को पंख पोर्टल पर भी विद्यार्थियों का पंजीकरण कराने के निर्देश स्कूली शिक्षा महानिदेशालय की ओर से दिए गए हैं।ऑनलाइन काउंसलिंग के माध्यम से विद्यार्थियों को भविष्य संवारने के गुरुमंत्र देने की व्यवस्था भी की गई है। माध्यमिक विद्यालयों में इंजीनियरिंग, मेडिकल व उच्च शिक्षण संस्थानों के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाएगा। वे बताएंगे कि इन क्षेत्रों में किस तरह भविष्य को चमकाया जा सकता है।
