पहाड़ का सच, देहरादून।
सत्ताधारी मंत्री पुत्र के रिसॉर्ट के लिए दो दर्जन से अधिक पेड़ काटने का मामला गर्मा गया है। जांच में संरक्षित प्रजाति के दो खैर के पेड़ काटे जाने पर वन विभाग की लालढांग रेंज ने मुकदमा दर्ज किया है। उधर, पीयूष अग्रवाल का कहना है कि पेड़ कटान की अनुमति उनके पास है, फिर भी अगर कुछ गलत हुआ है तो जुर्माना भरा जाएगा।
बताया गया कि निजी नाप भूमि पर मंत्री पुत्र के रिजाॅर्ट का निर्माण किया जा रहा है, और भारी – भारी मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। इसी रिसॉर्ट निर्माण के लिए संरक्षित प्रजाति के पेड़ों के अवैध कटान किया गया। पेड़ कटान के मामले में वन विभाग ने पीयूष अग्रवाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।
बताते चलें कि पीयूष अग्रवाल कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बेटे है, उधर, वन मंत्री सुबोध उनियाल ने मामले पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। कहा कि, उन्होंने पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तलब की है। दोषियों के खिलाफ कोई रियायत नहीं बरती जाएगी।
डीएफओ, कोटद्वार आकाश गंगवार का कहना है कि भू स्वामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इधर, वन विभाग के सूत्रों ने बताया नीलकंठ मार्ग पर खैरखाल में 26 पेड़ काटे गए हैं। इनमें 24 पेड़ छूट प्रजाति के हैं, जबकि दो पेड़ संरक्षित प्रजाति के हैं। चर्चा यह भी है कि रिसोर्ट के लिए बन रही सड़क पर भी प्रशासन से जुड़े लोग आपत्ति जता चुके हैं। लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ा। बहरहाल, वन विभाग के मुकदमा दर्ज करने के बाद भाजपा के अंदर सरगर्मी देखी जा रही है। निकाय चुनाव के बीच यह मुद्दा उठने के बाद विपक्ष के भी प्रहार करने की पूरी संभावना है।
बिना अनुमति के संरक्षित प्रजाति के दो पेड़ काटे गए हैं। पेड़ों की गणना नपत करके भूस्वामी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। कार्रवाई गतिमान है।
वहीं पीयूष अग्रवाल का कहना है कि हमारे पास कोटद्वार डीएफओ, तहसीलदार व पटवारी की अनुमति की रिपोर्ट है। पटवारी ने मौका-मुआयना कर रिपोर्ट भेज दी थी। मुझे नहीं लगता कि वहां ऐसा कुछ हुआ होगा, अगर हुआ भी होगा तो नियमानुसार जुर्माना भरा जाएगा।