पहाड़ का सच नैनीताल।
हाइकोर्ट ने अवमानना के एक मामले में उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन के निलंबित महाप्रबंधक प्रवीन टंडन (विधि) के विरुद्ध 20 हजार का जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने पिटकुल को चाबियां नहीं देने के मामले को गंभीरता से लिया है।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने मामले में बीती छह नवंबर को सुनवाई की। मामले के अनुसार, प्रवीण टंडन को महाप्रबंधक (विधि) के पद पर रहते हुए वैधानिक कार्य दायित्वों के निर्वहन में बरती गई लापरवाही, कार्यों के प्रति उदासीनता, गंभीर दुराचार, व्यापक अनुशासनहीनता, कॉरपोरेशन को आर्थिक क्षति की संभावना आदि के मद्देनजर सात जून 2023 को निलंबित किया गया था। उनका कार्यभार महाप्रबंधक (मानव संसाधन) अशोक कुमार जुयाल को दिया गया।
पिटकुल ने विभिन्न पत्रों, कई व्हाट्सऐप संदेशों के माध्यम से प्रवीण टंडन से महाप्रबंधक (विधि) के कार्यालय कक्ष में स्थापित अलमारियों, दराजों एवं कैबिनेट आदि की चाबियां उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। लेकिन उन्होंने चाबियां नहीं दी। हाईकोर्ट ने इसे अवमानना मानते हुए 20 हजार का जमानती वारंट जारी किया है।