पहाड़ का सच विकासनगर।
जन संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मोर्चा अध्यक्ष और जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में तहसील घेराव कर विधायकों के वेतन-भत्ते और पेंशन बंद कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
उन्होंने उप जिलाधिकारी की गैर मौजूदगी में तहसीलदार विवेक राजौरी को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के लिए दुर्भाग्य की बात है कि जो प्रदेश कर्ज के सहारे चल रहा है, वहां एक विधायक को लगभग 3 लाख रुपये वेतन-भत्ते और 40,000 रुपये पेंशन दी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह स्थिति इस बात का संकेत है कि प्रदेश दिवालिया होने की कगार पर है।
उन्होंने कहा कि इन विधायकों को हर माह वेतन-भत्तों के नाम पर डेढ़ लाख रुपये निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, 30,000 रुपये वेतन, 60,000 रुपये जन सेवा भत्ता, 27,000 रुपये ईंधन और 6,000 रुपये टेलीफोन खर्च के लिए दिए जा रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि विधायकों को मिलने वाला निर्वाचन क्षेत्र भत्ता और जन सेवा भत्ता बंद किया जाए। यदि भत्ता दिया जाना चाहिए, तो केवल ईंधन, स्टेशनरी और चिकित्सा सुविधा का ही लाभ दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ कर्मचारी दशकों तक सेवा देते हैं लेकिन उन्हें पेंशन नहीं मिलती, वहीं विधायक शपथ लेते ही ताउम्र पेंशन के हकदार बन जाते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस ‘लूट’ को शीघ्र नहीं रोका गया, तो मोर्चा उच्च न्यायालय की शरण लेगा।
इस मौके पर विजयराम शर्मा, दिलबाग सिंह, सरदार सिंह चौहान, सलीम मुजीबुर्रहमान, अनुपम कपिल, हाजी फरहाद आलम, कुंवर सिंह चौहान,आर पी भट्ट, महिपाल सिंह रावत,अशोक चंडोक, चौ.मो. इस्लाम, मो. नसीम, महेंद्र भंडारी, हाजी असद, सुधीर गौड,एम.ए. सिद्दीकी, वीरेंद्र सिंह, यूनुस,विनय गुप्ता, प्रवीण शर्मा पिन्नी,मनोज राय, सायरा बानो, जीशान मलिक, नरेंद्र तोमर, निशा खातून, चौ. अमन सिंह, अश्वनी कुमार, बिल्लू गिल्बर्ट, नानक सिंह, जसवीर, भीम सिंह बिष्ट, मान चंद राणा, नाजिर, भगत सिंह चौधरी, भगत सिंह, सफीक पांडे, विक्रम पाल, इमरान, इदरीश, नाहिद खान, भीम सिंह बिष्ट, जसवीर,मन्नान, प्रवीण कुमार, शमशाद, नरेश ठाकुर,जयपाल सिंह, अंकुर चौरसिया, प्रमोद शर्मा,चौधरी मामराज, निर्मला देवी, इमरान, दिनेश गुप्ता, सुशील भारद्वाज, परवीन,सुरजीत सिंह टिम्मू,राजू चौधरी, रोबिन, श्रवण गर्ग,सलीम मिर्जा, संध्या गुलरिया, भूरा आदि मौजूद थे ।