ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल
*🌞~ वैदिक पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 29 अक्टूबर 2024*
*⛅दिन – मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – हेमन्त*
*⛅ अमांत – 13 गते कार्तिक मास प्रविष्टि*
*⛅ राष्ट्रीय तिथि – 6 आश्विन मास*
*⛅मास – कार्तिक*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – द्वादशी प्रातः 10:31 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*⛅नक्षत्र – उत्तराफाल्गुनी शाम 06:34 तक तत्पश्चात हस्त*
*⛅योग – इन्द्र प्रातः 07:48 तक तत्पश्चात वैधृति*
*⛅राहु काल – दोपहर 02:44 से शाम 04:06 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:29*
*⛅सूर्यास्त – 05:33*
*⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:02 से 05:52 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:00 से दोपहर 12:46 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 11:58 अक्टूबर 29 से रात्रि 12:49 अक्टूबर 30 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – धनतेरस, धन्वन्तरि जयंती, आयुर्वेद दिवस, यम दीपम, यम पञ्चक प्रारम्भ, प्रदोष व्रत, त्रिपुष्कर योग (प्रातः 06:43 से प्रातः 10:31 तक)*
*⛅विशेष – द्वादशी को पूतिका (पोई) व त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹विद्यार्थियों की समस्याएँ एवं उनका समाधान 🔹*
*🔸स्मरणशक्ति की कमी, बौद्धिक मंदता, सुस्ती, चिड़चिड़ापन, एकाग्रता का अभाव अनिद्रा, मानसिक अवसाद (depression), आँखों की रोशनी कम होना, छोटी उम्र में चश्मा लगना, मोटापा, मधुमेह (diabetes), यकृत (liver) के रोग आदि तकलीफें वर्तमान में विद्यार्थियों में आम समस्या बनती जा रही हैं । महँगी महँगी दवाइयों और शरीर वर्षों-वर्षों के उपचार के बावजूद समस्याएँ निर्मूल नहीं होतीं । इनसे छुटकारा पाना है तो इनके कारणों को समझना होगा तभी इनका समाधान हो सकता है ।*
*🔹क्यों हो रहा है स्वास्थ्य, स्मृति व बौद्धिक क्षमता का ह्रास ?*
*🔸देर रात तक जागना, मोबाइल का अति उपयोग, इंटरनेट के व्यसन का रोग (internet addiction disorder), सूर्योदय के बाद तक सोते रहना, दिन में सोना, खेल-कूद व कसरत का अभाव जैसी अहितकर आदतें आज विद्यार्थियों की दिनचर्या में प्रायः देखने को मिलती हैं ।*
*🔸फास्ट फूड, मसालेदार व तली हुई चीजों, बेकरी के पदार्थों, मिठाइयों, नमकीन, चाय, कॉफी, चॉकलेट्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स आदि स्वास्थ्य घातक पदार्थों के सेवन की आदत ने विद्यार्थियों को बुरी तरह जकड़ लिया है ।*
*🔸शरीर को पुष्ट, मन को प्रसन्न व ज्ञानतंतुओं को सक्रिय करनेवाले शुद्ध, सात्त्विक, ताजे भोजन की जगह अशुद्ध, तामसी, बासी, बाजारू पदार्थों का सेवन करने पर स्फूर्ति, बुद्धिमत्ता, निरोगता की अपेक्षा कैसे की जा सकती है ?*
*🔸विद्यार्थियों में बढ़ रही समस्याओं का एक बड़ा कारण है विद्यार्थियों का चारित्रिक, नैतिक पतन व संस्कारहीनता । आज हर विद्यार्थी के हाथ में स्मार्ट फोन रूपी एक ऐसा खतरनाक औजार है जो न केवल समय बरबाद करनेवाला (टाइम किलर) है बल्कि उनके स्वास्थ्य को, चरित्र को, जीवन को भी काट रहा है । चरित्रहीनता बढ़ानेवाले सीरियल्स, विज्ञापन, चलचित्रों और अश्लील वेबसाइटों, दृश्यों को देखकर कुकृत्यों में पड़ने से आज बाल व युवा पीढ़ी में निर्दोषता, निर्भीकता, निश्चिंतता, उद्यमीपन, साहस, धैर्य जैसे गुण क्षीण होने लगे हैं ।*
*🔸अतः बच्चों को इस दुर्दशा से बचाने के लिए उन्हें सुसंस्कारों का सिंचन करनेवाले सत्साहित्य, सत्संग का लाभ दिलाकर चरित्रवान, संस्कारी बनायें । बच्चे अनुकरणप्रिय होते हैं अतः जरूरी है कि पहले हम अपने जीवन को ऐसा बनायें ।