पहाड़ का सच/एजेंसी।
नई दिल्ली। भारत में कंपनियां और नियोक्ता अक्सर कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड का पैसा डकार जाती हैं। हाल ही में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने स्पाइसजेट के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। आरोप है कि अधिकारियों ने कर्मचारियों के पीएफ का पैसा उनके अकाउंट में जमा नहीं किया।ऐसे में कंपनियां कर्मचारियों के पीएफ का पैसा न डकार सकें। इसके लिए ईपीएफओ जल्द ही नई व्यवस्था करने जा रहा है।
बता दें कि नई व्यवस्था के तहत ईपीएफ अकाउंट में पैसा जमा होते ही कर्मचारी के पास पैसा जमा होने का मैसेज जाएगा और कर्मचारी को रियल टाइम में इसकी जानकारी पहुंच जाएगी।ऐसे में अगर किसी महीने कर्मचारी के पास एसएमएस नहीं आता है तो अब उसे पता चल जाएगा कि कंपनी ने उसे पीएफ अकाउंट में पैसे ट्रांसफर नहीं किए हैं। गौरतलब है कि अब तक कर्मचारी पीएफ का पैसा उसके अकाउंट में जमा हुआ है या नहीं इसकी जानकारी अलग-अलग तरीके से हासिल करते थे। हालांकि, इस सुविधा के आने से कर्मचारियों को इसकी जानकारी रियल टाइम में मिल जाएगी।
इसके लिए ईपीएफओ अपने आईटी सिस्टम को बैंकों की तरह दुरुस्त कर रहा है, ताकि कंपनी द्वारा कर्मचारी के पीएफ अकाउंट में पैसा जमा होते ही कर्मचारी के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज पहुंच जाए । कई कंपनियां ऐसी भी होती हैं, जो कर्मचारी के पीएफ का पैसा सैलरी से काट तो लेती हैं, लेकिन उसे पीएफ अकाउंट में जमा नहीं करती, इसके चलते कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इतना ही नहीं इससे ईपीएफओ का काम भी बढ़ जाता है, क्योंकि पैसा अकाउंट में आने पर लोग इसकी शिकायतों करते हैं।
ऐसे में इस सुविधा के आने से हर महीने कर्मचारियों को एसएमएस के जरिए पीएफ अकाउंट में जमा हुए पैसे की जानकारी मिलेगी और कंपनिया उनका पैसे नहीं हड़प सकेंगी। फिलहाल कर्मचारी अपने पीएफ अकाउंट में मौजूद बैलेंस को चेक करने के लिए ईपीएफओ की वेबसाइट पर जा सकते हैं।
इसके अलावा उमंग ऐप पर भी ईपीएफओ का बैलेंस चेक किया जा सकता है। अगर आप चाहें तो रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से 011-22901406 पर मिस्ड कॉल या फिर मैसेज के जरिए बैलेंस की जानकारी हासिल कर सकते हैं।