– छोटा राजन का राइट हैंड रहा है प्रकाश पांडे, दाऊद को मारने कराची भी गया था
पहाड़ का सच अल्मोडा। अल्मोड़ा जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को आज साधु संतों द्वारा गुरु दीक्षा देकर अखाड़े में शामिल किया गया। अपराध की दुनिया से अलग होकर अब उसका नया नाम प्रकाशानंद गिरी होगा।
श्री पंचदसनाम जूना अखाड़ा हरिद्वार ने अल्मोड़ा कारागार मैं बंद प्रकाश पांडे उर्फ पीपी को गुरु दीक्षा दी और अपने अखाड़े में शामिल किया गया। प्रकाश पांडे को पहाड़ों के विभिन्न मंदिर जिनमें से मुख्य गंगोत्री भैरव मंदिर, गंगोलीहाट के लंबकेश्वर मंदिर महादेव , मुनस्यारी में कालिका माता मंदिर, काला मुनि मंदिर का मुख्य महंत बनाया गया। अल्मोड़ा कारागार में पहुंचकर थानापति राजेंद्र गिरि, महंत सुरेंद्र पुरी तथा हिंदूवादी नेता कृष्ण कांडपाल के सानिध्य में प्रकाश पांडे को गुरु दीक्षा दी गई। जिसके वाद से उसका नया नाम प्रकाशानंद रखा गया।
उन्होंने कहा कि इसके बाद उसका कुंभ में मुंडन संस्कार किया जाएगा उसके बाद आगे के दायित्वों पर विचार किया जाएगा।डीआईजी जेल दधिराम मौर्य ने कहा कि अल्मोड़ा जेल प्रशासन से इस प्रकार के आयोजन की कोई सूचना नहीं है। सामान्य दिनों में मिलने के दौरान दीक्षा दी गयी होगी।
पीपी ने तीस साल पहले की थी हत्या
हल्द्वानी का प्रकाश पांडेय पीपी वर्ष 1994 में छोटा राजन के गुर्गों फरीद तनाशा और विक्की मल्होत्रा के संपर्क में आया और 1995 में उसने स्थानीय नेता की हत्या की। 1998 व 2000 में वह दाऊद पर हमला करने कराची भी गया। इस दौरान मुंबई में हत्या व फिरौती के धंधे में लिप्त रहा। मकोका सहित कई अपराधों में उस पर केस दर्ज हैं। 2003 में पीपी को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया। ईस्ट एंड वेस्ट एयरलाइंस के एमडी वाहिद की हत्या मामले में जमानत में प्रकाश पाडे बाहर आया तो छोटा राजन का गैंग छोड़ अपनी गैंग बना ली।
2007 में शाहरुख खान की फिल्म ओम शांति ओम की बंपर कमाई के बाद रंगदारी के लिए फोन करने का केस भी उस पर दर्ज हुआ। यही नहीं, शिव सागर रेस्टोरेंट की बड़ी चेन चलाने वाले एक व्यापारी से रंगदारी मांगी और आफिस के बाहर खड़े सुरक्षा गार्ड को गोलियों से भून दिया। 2008 में दिल्ली क्राइम ब्रांच के एसीपी राजबीर सिंह की दिनदहाड़े हत्या में भी पीपी शामिल रहा।
मुंबई व दिल्ली पुलिस के रडार में आने पर फरार पीपी इंटरपोल की मदद से तीन नवंबर 2010 को वियतनाम से गिरफ्तार कर लिया गया। वहां वह पहचान बदलकर मसाले का कारोबार कर रहा था। 2007 में एक मामले में पेशी के दौरान पीपी फरार भी हुआ लेकिन कुछ समय बाद ही उसे पुलिस ने पकड़ लिया। 2010 के बाद से पीपी देहरादून की सुधोवाला जेल वा सितारगंज जेल में रह चुका है। हत्या के मामले में आजीवन कैद की सजा के बाद 2023 से अल्मोड़ा जेल में बन्द है। (साभार दै जा)