
ज्योतिष इंद्रमोहन डंडरियाल

? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
?️ *दिनांक -27 अगस्त 2024*
?️ *दिन – मंगलवार*
?️ *विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
?️ *शक संवत -1946*
?️ *अयन – दक्षिणायन*
?️ *ऋतु – शरद ॠतु*
?️ *अमांत – 12 गते भाद्रपद मास प्रविष्टि*
?️ *राष्ट्रीय तिथि – 6 श्रावण मास*
?️ *मास – भाद्रपद (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार श्रावण)*
?️ *पक्ष – कृष्ण*
?️ *तिथि – नवमी 28 अगस्त रात्रि 01:33 तक तत्पश्चात दशमी*
?️ *नक्षत्र – रोहिणी शाम 03:38 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
?️ *योग – हर्षण रात्रि 08:31 तक तत्पश्चात वज्र*
?️ *राहुकाल – शाम 03:30 से शाम 05:05 तक*
?️ *सूर्योदय -05:52*
?️ *सूर्यास्त- 18:45*
? *दिशाशूल – उत्तर दिशा मे*
? *व्रत पर्व विवरण – दही हांडी,नंद महोत्सव,मंगलागौरी पूजन (अमावस्यांत)*
? *विशेष – नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *बरकत लाने की सरल कुंजियाँ* ?
? *बाजार भाव अचानक बढ़ने-घटने से, मंदी की वजह से या अन्य कारणों से कईयों का धंधा बढ़ नहीं पाता | ऐसे में आपके काम-धंधे में भी बरकत का खयाल रखते हुए कुछ सरल उपाय प्रस्तुत कर रही है |*
➡ *१] ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाने व पूजा- स्थान पर गंगाजल रखने से बरकत होती है |*
➡ *२] दुकान में बिक्री कम होती हो तो कनेर का फूल घिस के उसका ललाट पर तिलक करके दुकान पर जायें तो ग्राहकी बढ़ेगी |*
➡ *३] रोज भोजन से पूर्व गोग्रास निकालकर गाय को खिलाने से सुख-समृद्धि व मान-सम्मान की वृद्धि होती है |*
➡ *४] ईमानदारी से व्यवहार करें | ईमानदारी से उपार्जित किया हुआ धन स्थायी रहता है |*
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? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *टूटे कांच व बंद हुई घड़ी ना रखे* ?
?? *घर के दरवाजे में या खिड़कियों में टूटे कांच हैं तो बीमारी के द्योतक हैं, उनको तुरंत बदल दें…..घर में टूटे हुए कांच का सामान हो तो उसे निकाल दें……बंद पड़ी हुई घड़ियाँ होगीं तो उन को सुधार के ठीक कर लें या बिगड़ गयी हैं तो फ़ेंक दें…..पुराने कपड़े जो आप नहीं पहनते उन को बाँट दो, अथवा यथा योग्य विसर्जन कर दो …..पुरानी चाबियाँ, पुराने ताले जो काम में नहीं आते, घर में नहीं रखें…….ऐसे चीजे नकारात्मक ऊर्जा पीड़ा करती हैं……..घर में जो चीजें अनावश्यक हैं उन की सफाई कर दो ।*
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? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
? *बारिश की सर्दी मिटाने के लिए* ?
➡️ *बारिश की सर्दी लगने का अंदेशा हो तो एक लौंग मुंह में रख देना चाहिये और घर जाकर मत्था जल्दी पोंछ लेना चाहिये । बदन सूखा कर लेना चाहिये और बांये करवट थोड़ा लेट के दायाँ श्वास चालू रखना चाहिये । इससे बारिश में भीगने का असर नहीं होगा ।*
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? *~ वैदिक पंचांग ~* ?
पंचक
अगस्त में पंचक का आरंभ 19 अगस्त, सोमवार को शाम को 07 बजकर 01 मिनट पर हो रहा है। वहीं, इसका समापन 23 अगस्त, शुक्रवार को रात्रि 07 बजकर 58 मिनट पर होगा।
एकादशी
पद्मा एकादशी (भाद्रपद शुक्ल) 14 सितंबर 2024
इंदिरा एकादशी (अश्विन कृष्ण) 28 सितंबर 2024
प्रदोष
15 सितंबर 2024 रविवार, रवि प्रदोष व्रत (शुक्ल)
29 सितंबर 2024 रविवार, रवि प्रदोष व्रत (कृष्ण)
2 सितंबर 2024 ( सोमवार ) – भाद्रपद अमावस्या ( कृष्ण पक्ष)
शुभ मुहूर्त : सितंबर महीने में अमावस्या तिथि की शुरुआत 2 सितंबर को सुबह 5 बजकर 21 मिनट पर होगी और 3 सितंबर को सुबह 7 बजकर 24 मिनट तक रहेगी।
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