– कांग्रेस से आप पार्टी,आप से भाजपा में शामिल हुए जोत सिंह बिष्ट की पीसीसी अध्यक्ष माहरा गुट पर आरोप,
– अध्यक्ष की कुर्सी बचाना मकसद, केदार यात्रा सिर्फ दिखावा
– तीन साल में तीन दल बदलने वाला जोत नहीं बेहोश सिंह बिष्ट: धीरेंद्र प्रताप
पहाड़ का सच देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर दिल्ली या अन्यत्र केदारनाथ धाम अथवा मंदिर बनाने की पाबंदी के बाद हालांकि मामला शांत हो गया है, लेकिन भाजपा व कांग्रेस के कुछ नेताओं के लिए ये गाल बजाओ मुद्दा बन गया है।
तीन साल पहले कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी और बाद में भाजपा में शामिल हुए जोत सिंह बिष्ट ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस की हरिद्वार में निकलीं केदारनाथ धाम बचाओ यात्रा कांग्रेस के एक गुट की कुर्सी बचाओ यात्रा है। उन्होंने तंज किया कि माहरा अपनी अध्यक्ष की कुर्सी बचाने के लिए यात्रा में हैं और विरोधी उनको हटाने के लिए यात्रा से दूरी बनाए हैं ।
बिष्ट ने कहा कि सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री अपनी कैबिनेट के निर्णय से यात्रा के औचित्य पर पहले ही पूर्ण विराम लगा चुके हैं । कांग्रेस की गुटबाजी जगजाहिर है, लेकिन अफसोस तब होता है जब वे अपनी कुर्सी की लड़ाई के लिए भगवान के नाम का उपयोग करते हैं । कांग्रेस की यह यात्रा एक गुट विशेष की यात्रा बनकर रह गई है, यह हरिद्वार से केदारनाथ तक की यात्रा से पूरी तरह से परिलक्षित हो रही है। सबने देखा है कि इस यात्रा में पहले दिन कांग्रेस के कई बड़े चेहरों जैसे प्रीतम सिंह, काजी निजामुदीन, विक्रम सिंह नेगी, सुरेंद्र सिंह नेगी जैसे लोगों ने यात्रा में शामिल होने से परहेज किया है। पौड़ी लोकसभा प्रत्याशी गणेश गोदियाल भी यात्रा रूट पर नदारद हैं। वहीं गढ़वाल मंडल के कांग्रेस के बड़े नेता इस यात्रा में कहीं दिखाई नहीं दे रहे है।
इससे साफ दिखाई दे रहा है कि यात्रा पर एक गुट विशेष का कब्जा है। दरअसल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी हथियाने की लड़ाई लड़ चरम पर है, जिसमे माहरा अकेले पड़ गए हैं । यही वजह है कि वे और उनके राजनैतिक गुरु कांग्रेस पर अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए केदारनाथ यात्रा पर निकले हैं । हकीकत यह है कि ये यात्रा केदारनाथ बचाने के लिए नहीं बल्कि अपने गुट को मजबूत दिखाकर दिल्ली से अपनी कुर्सी बचाने की यात्रा है। वहीं यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली विधानसभा ऋषिकेश, नरेंद्रनगर, देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग एवं केदारनाथ से जो लोग 2022 में चुनाव लड़े इन सब लोगों को इस यात्रा में दर्शक दीर्घा में धकेल दिया गया है । जिस वजह से कांग्रेस की दूसरी पांत के नेता आक्रोशित हैं और सही मौके तलाश कर रहे हैं ।
जोत सिंह बिष्ट नहीं बेहोश सिंह बिष्ट : धीरेंद्र प्रताप
उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने भाजपा में पिछले दिनों शामिल हुए दल बदल का रिकॉर्ड कायम करने वाले जोत सिंह बिष्ट को बेहोश सिंह बिष्ट बताया।उन्होंने कहा जोत सिंह बिष्ट ने कांग्रेस की केदारनाथ यात्रा को जो कुर्सी बचाव यात्रा कहा है उसे पता चलता है कि उन्होंने कुर्सियां बदलने का कितना शौक है ।
उन्होंने कहा कांग्रेस किसी कुर्सी में है नहीं तो उसके बदलने का क्या सवाल है? 3 साल में तीन पार्टी बदलने वाले जोत सिंह बिष्ट को पता ही नहीं कि उनको जाना कहां है । कांग्रेस प्रवक्ता ने सलाह दी कि जोत सिंह बिष्ट पार्टी में मेहनत करके बिष्ट अपना स्थान बनाएं । कांग्रेस की कार्यवाहियों पर अनाप-शनाप टिप्पणी न करें ।
उन्होंने कहा कि पिछले 3 साल में जिस तरह से जोत सिंह बिष्ट ने दल बदल का रिकॉर्ड कायम किया है वह उत्तराखंड में आया राम गया राम के प्रतीक बन गए है।