– राजकीय पोलिटेक्निक के 65 फीसद छात्रों को इस साल रोजगार मिला, भर्ती में पारदर्शिता से युवाओं का बढ़ा हौसला
– सीएम ने कहा, पूर्ण मनोयोग से निभाएं जिम्मेदारी
. गुणवत्तापरक शिक्षा दे रही सरकार: तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल
पहाड़ का सच देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों से चयनित 212 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए। पॉलिटेक्निक संस्थानों के अंतिम वर्ष के इन छात्र-छात्राओं को विभिन्न कंपनियों में नौकरी मिली है। इस साल अब तक राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों से 65 प्रतिशत युवाओं को रोजगार मिल चुका है।
राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रदेश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार से जोड़ना है। पिछले 3 सालों में सरकार ने सरकारी विभागों में 15000 से भी ज्यादा युवाओं को नियुक्तियां दी हैं। सीएम आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि नियुक्ति पत्र सभी युवाओं के सपनों की पहली सीढ़ी है। यह परिश्रम और लगन से किए कार्य का सम्मान भी
है।
उन्होंने कहा कि हर छात्र पूर्ण मनोयोग निष्ठा से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगा। तकनीकी शिक्षा के विद्यार्थियों के लिए राज्य में ऑनलाइन ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेंटर का निर्माण किया गया है। जिसके माध्यम से छात्रों को बेहतर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। राज्य में भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण रूप से पारदर्शी बनाया गया है। परीक्षा से लेकर नियुक्तियां तक
तय समय के अंदर हो रही हैं। भर्ती प्रक्रिया में आई पारदर्शिता से युवाओं का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। यह पारदर्शिता युवाओं को भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए प्रेरित करती है।
तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता परक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। युवाओं को सीधे रोजगार मिले इसके लिए औद्योगिक संस्थानों की आवश्यकता के हिसाब से नये कोर्स चलाए जा रहे हैं। बच्चों को तकनीकी शिक्षा के माध्यम से रोजगार देना सरकार की प्राथमिकता है। राज्य के पॉलिटेक्निक कॉलेज में अंतिम वर्ष के 3500 बच्चों में से 2303 बच्चों को रोजगार से जोड़ दिया गया है। .उन्होंने कहा कि युवाओं को अन्य देशों में भी रोजगार के अवसर मिले इसके लिए सरकार ने राज्य के पॉलिटेक्निक एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों में जर्मन और फ्रेंच भाषा पड़ाने का निर्णय लिया है।
कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद डॉ. कल्पना सैनी, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र अंधवाल, अपर सचिव तकनीकी शिक्षा स्वाति भदौरिया, निदेशक तकनीकी शिक्षा आरपी गुप्ता आदि थे।