पहाड़ का सच, पौड़ी।
आज दिनांक 20 जून को दूणी गांव में चल रही महा शिवपुराण का हवन के साथ ही समापन हो गया है। दूर दूर से आए भक्तों ने 10 दिन तक शिव पुराण का रसपान किया ।
आज की कथा में व्यास जी ने कहा कि जीवन में हम जो पुण्य कार्य करते हैं वही साथ जाते हैं। और कोई साथ नहीं जाता, भगवान शिव अपने भक्त की कामना पूरी करते हैं। मां बाप अपने बच्चों के लिए कितने कष्ट उठाते हैं, पर जब अंतिम समय आता है तो चार कंधों शमशान घाट पहुंचा कर अंतिम संस्कार करके घाट से वापिस आते समय रास्ते में कांटे काटकर डाल देते हैं कि कहीं जो मरा है प्रेत बनकर वापिस न आ जाय। जो इतने वर्षो तक प्यारा था उसके दुनिया से जाते ही सारे नाते खत्म हो गए।
मनुष्य जीवन भर ज्यादा से ज्यादा धन कमाने के चक्कर में लगा रहता है, पर अन्त समय में कुछ भी साथ नहीं ले जाता है, जैसे खाली हाथ इस संसार में आता है वैसे खाली हाथ इस संसार से जाना पड़ता है, पर मनुष्य सांसारिक मोह माया मैं फंसकर ये सब भूल जाता है। आगे व्यास जी कहते हैं कि जो त्याग करता है उसी की प्रतिष्ठा होती है।
आज शिव पुराण के समापन के अवसर पर डंडरियाल विकास एवम सामाजिक कल्याण समिति के उपाध्यक्ष महेशानंद डंडरियाल सपत्नी, अशोक डंडरियाल सपत्नी, योगेश डंडरियाल, इंदु डंडरियाल, एवम लक्ष्मी डंडरियाल शामिल हुए और व्यास जी से आशीर्वाद प्राप्त किया।