– नैनीडांडा ब्लॉक के खदरासी गांव में पेयजल संकट गहराया
– 60 परिवार के 300 सदस्य सीधे नदी का पानी पीने को मजबूर
– जल संस्थान/पेयजल निगम के किसी भी अधिकारी से संपर्क नहीं हो सका
पहाड़ का सच नैनीडांडा/कोटद्वार।
गर्मी का प्रकोप बढ़ते ही पहाड़ों में भी पानी की किल्लत शुरू हो गई है। लोग सीधे नदी या पोखरों का पानी पीने को मजबूर हैं। ताजा मामला नैनीडांडा ब्लॉक के खदरासी गांव का है जहां 60 परिवारों के लगभग 300 सदस्य रहते हैं। .जल जीवन मिशन के तहत ” हर घर नल, हर घर जल” योजना के बाद भी लैंसडौन विधानसभा में पानी की भारी किल्लत बनी हुई है। विभाग द्वारा गांवो में हर घर में नल तो लगा दिया गया लेकिन नल में जल नहीं आ रहा है। यही हाल गांव में स्थित प्राथमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय का है। भोजन माता बच्चों को पोखर का पानी लाकर पिलाने को मजबूर है।
ग्रामीणों कहना है कि कई बार जल संस्थान के उच्च अधिकारियों और सीएम पोर्टल में भी शिकायत कर दी गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। ग्रामीण कई किलोमीटर दूर नदी किनारे बने पोखर का अशुद्ध पीने को मजबूर हैं। इससे ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। लेकिन संबंधित विभाग संज्ञान लेने के बजाय चैन की नींद सो रहा है।
एक ग्रामीण किशोरी लाल पंत ने बताया कि सर्दियों के बाद जैसे ही गर्मी बढ़नी शुरू होती है गांव में पानी की किल्लत शुरू हो जाती है और पीने के लिए आजकल गांव से कई किलोमीटर दूर से एक डब्बा पानी लाना पड़ रहा है। कई बार शिकायत करने के बावजूद जल संस्थान के अधिकारी पेयजल संकट के समाधान पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। दूसरे, ग्रामीण उमेद सिंह रावत ने बताया कि एक पोखर को ग्रामीणो ने मजबूरी में पनघट बनाया है। कई बार शिकायत के बाद भी संबंधित विभाग के अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। इस बारे में जल संस्थान के किसी भी अधिकारी से संपर्क नहीं हो पाया। अधिकारी से बात होने के बाद उनका पक्ष इस खबर के परिपेक्ष्य में छाप दी जाएगी।