– उत्तराखंड सरकार को लगा रहे राजस्व का चूना
– अभिभावकों से वसूले जा रहे मनमाने दाम
पहाड़ का सच देहरादून।
नामी स्कूलों में दाखिले की चाहत रखने वाले अभिभावकों को दोनों हाथों से लूटा जा रहा है। स्कूल प्रबंधक और फर्मों की मिलीभगत से अभिभावक तय फर्मों से ही स्टेशनरी और यूनिफॉर्म खरीदने को मजबूर हैं, साथ ही उनसे मनमाफिक दाम भी वसूले जा रहे है, और खरीद के एवज में जो बिल थमाए जा रहे हैं, वह भी फर्जी हैं। ऐसे में संबंधित फर्में अभिभावकों को लूटने के साथ ही उत्तराखंड सरकार को भी राजस्व का चूना लगा रही हैं।
ऐसे ही एक मामले में राज्य कर विभाग की टीम ने आयुक्त डॉ अहमद इकबाल के निर्देश पर दो फर्मों पर छापा मारा। ये फर्म सहस्रधारा रोड स्थित डीपीएस के पास इसी स्कूल के लिए स्टेशनरी और यूनिफॉर्म की बिक्री कर रही थीं।शनिवार को राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त पीएस डुंगरियाल, संयुक्त आयुक्त एसएस तिरुवा, उपायुक्त सुरेश कुमार के नेतृत्व में फर्मों के बिक्री स्थल पर छापा मारा। पता चला कि ये फर्म राज्य में पंजीकृत न होकर उत्तर प्रदेश और दिल्ली में पंजीकृत हैं। ऐसे में इनको बेचे गए माल पर आईजीएसटी (इंटीग्रेटेड जीएसटी) चार्ज करना था, जबकि ये एसजीएसटी चार्ज कर रहे थे। जिसका मतलब यह हुआ कि ये अभिभावकों को फर्जी बल थमा रहे थे, साथ ही माल की बिक्री के अलावा काटे गए कर को भी डकार रहे थे।
आयुक्त राज्य कर डॉ अहमद इकबाल के मुताबिक इन फर्मों को यहां स्पॉट कारोबार के लिए राज्य में पंजीकरण कराना चाहिए। संभवतः ये अपने पंजीकृत राज्य में कर जमा कर रहे हों। छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने बिक्री स्थल से लैपटॉप आदि कब्जे में लिए।
प्रारंभिक जांच में 40 से 50 लाख रुपये के टर्नओवर में गड़बड़झाला होने का अंदेशा है। छापेमारी में राज्य कर अधिकारी रामलाल जोशी, भूपेंद्र सिंह जंगपांगी, मोनिका पंत, कंचन थापा, डॉ संगीता बिजल्वाण जोशी आदि शामिल रहे।
स्टेशनरी और यूनिफॉर्म बिक्री कर रही फर्मों की हकीकत जानने के लिए राज्य कर विभाग के अधिकारियों ने पहले स्वयं टेस्ट परचेजिंग की। जिसमें पता चला कि दोनों फर्म किस तरह से टैक्स चोरी में लिप्त हैं। फूलप्रूफ योजना के बाद अधिकारियों ने फर्म पर छापा मारा। माना जा रहा है कि स्कूलों के नए सत्र में विभाग की कार्रवाई का दायरा बढ़ सकता है।