– पूर्व राज्यपाल कोश्यारी ने कहा सीएसआर के तहत चंदा लेना अपराध नहीं,कानूनी कार्रवाई करेंगे
– शिक्षण संस्था में मेरे अथवा मेरे परिवार का कोई भी सदस्य नहीं: कोश्यारी
– महाराष्ट्र के RTI कार्यकर्ता का आरोप- पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार तल्ली ताल को सीएसआर के तहत 15 करोड़ का फंड मिला
– कोश्यारी ने कहा, पूर्व राज्यपाल सुदर्शन ने हिमज्योति स्कूल के लिए आर्थिक सहयोग लिया
पहाड़ का सच,देहरादून।
अनंत अम्बानी से उत्तराखंड की शिक्षण संस्था के लिए 15 करोड़ लेने के मामले में पूर्व राज्यपाल कोश्यारी ने सफाई दी कि उक्त संस्था में उनके परिवार का कोई सदस्य नहीं है। शुक्रवार को जारी बयान में महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि सीएसआर के तहत चंदा लेना अपराध नहीं होता। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली के आरोपों का खंडन करते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
गलगली ने आरोप लगाया था कि पूर्व राज्यपाल कोश्यारी ने अनंत अम्बानी से अखिल भारतीय शिक्षण संस्था विद्याभारती द्वारा नैनीताल में स्थित पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार सीनियर हायर सेकण्डरी स्कूल व उसकी शिक्षण शाखाओं हेतु सीएसआर मद में 15 करोड़ की आर्थिक सहायता ली। आरटीआई के तहत महाराष्ट्र के राजभवन ने इस बाबत जानकारी उपलब्ध नहीं कराई।
पूर्व राज्यपाल ने कहा कि शिक्षण संस्था में मेरे अथवा मेरे परिवार का कोई भी सदस्य नहीं है यह विद्यालय लगभग 40 वर्ष से चल रहा है तथा इसकी शाखायें भी पर्याप्त समय से चल रहीं हैं। कोश्यारी ने कहा कि उनके भतीजे दीपेन्द्र द्वारा जमीन खरीदने व रिजार्ट बनाने जैसे आरोप मनगढन्त हैं। उन्होंने कहा कि कारपोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी (Csr ) के तहत चन्दा लेना अपराध नहीं होता। गल गली नाम के इन सज्जन ने इस सम्बन्ध में मैसेज भेजा था। कोश्यारी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। अब उसने लहर मैसेज हटा दिया है। जिस विद्यालय पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार तल्ली ताल को CSR में फन्ड मिला है, वह आवासीय विद्यालय है।
देशभर से 800 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। इस बार चार बच्चे कीनिया से भी हैं। इसी की शाखा मुवानी पिथौरागढ में 2018 से चल रही है। 10th तक है उसी का भवन बन रहा है। यहाँ 300 बच्चे हैं। अभी डे है। भविष्य में हास्टल भी होगा। इंग्लिश मीडियम है। इससे उस क्षेत्र के गांवों का पलायन रुका है। फीस हजार से 1500 के बीच है। स्कूल भवन ऐसा बनेगा अब केवल छत रह गई है। नवम्बर में सरसंघचालक मोहन भागवत लोकार्पण करेंगे। उनका कार्यक्रम नवम्बर 17,18,19 में मिला है।
महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का हूबहू बयान
मुम्बई के एक आर.टी.आई. कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा मेरे व मेरे परिवार जनों के बारे में पिछले दिनों एक अनर्गल समाचार का मीडिया व सोशल मीडिया द्वारा प्रसार किया जा रहा है। गलगली द्वारा प्रचार किया जा रहा है कि मैंने अपनी शिक्षण संस्था के लिए अनन्त अम्बानी से 15 करोड़ का चन्दा लिया गया। वस्तुतः मेरी कोई भी शिक्षण संस्था है ही नहीं। मुम्बई राजभवन में मुझ से सम्भ्रान्त जनों से लेकर सामान्य नागरिक तक मिलते रहते थे इसी कम में राजभवन मुम्बई में अनन्त अम्बानी से कुछ देर के लिए भेंट हुई। मैंने अम्बानी से अखिल भारतीय शिक्षण संस्था विद्याभारती द्वारा नैनीताल में स्थित पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार सीनियर हायर सेकण्डरी स्कूल व उसकी शिक्षण शाखाओं हेतु सीएसआर फण्ड से सहयोग की अपील की। अम्बानी ने तत्काल उक्त शिक्षण संस्था हेतु 15 करोड़ रू० का दान सीएसआर के अन्तर्गत दिया गया। उक्त शिक्षण संस्था में मेरे अथवा मेरे परिवार का कोई भी सदस्य नहीं है यह विद्यालय लगभग 40 वर्ष से चल रहा है तथा इसकी शाखायें भी पर्याप्त समय से चल रहीं हैं।
एक समाजिक राजनैतिक कार्यकर्ता के नाते किसी भी एम.एल.ए., एम.पी. या मंत्री आदि द्वारा समय-समय पर शिक्षा स्वास्थ्य आदि जनोपयोगी सामाजिक कार्यों के लिए सी. एस.आर. अथवा आयकर के 80जी के अन्तर्गत सहयोग लिया जाता रहा है। हमारे उत्तराखण्ड के द्वितीय राज्यपाल सुदर्शन ने तो अपने समय में धनी मानी लोगों से लेकर सामान्य जन से हिमज्योति स्कूल के लिए सहयोग लिया गया। आज भी यह विद्यालय दूरस्थ इलाकों के बच्चों को शिक्षा दे रहा है।
गलगली द्वारा यह कहना कि मुम्बई के लिए गये आर्थिक सहयोग से मेरे भतीजे दीपेन्द्र द्वारा जमीन खरीदने व रिजार्ट बनाने जैसे मनगढन्त आरोप लगा कर गलगली ने हमारे सम्मान को गहरी चोट पहुँचाई है। मैं स्वयं एवं दीपेन्द्र इस संबंध में कानूनी परामर्श ले रहे हैं। तथा शीघ्र ही अनिल गलगली व इस भ्रामक व हमारे सम्मान को आघात पहुचाने वाले सामाचार पत्रों के विरूद्ध कानूनी व न्यायिक कार्यवाही की जायेगी।