पहाड़ का सच,रुद्रप्रयाग ।
बलात्कार की सजा काट रहे प्रधान सहित दो अन्य आरोपियों को जिला एवं सत्र न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया है।
ज्ञात हो कि जुलाई 2023 में विकासखण्ड जखोली के अन्तर्गत एक गांव की एक मंदबुद्धि बालिका के पिता ने प्रधान सहित एक अन्य व्यक्ति व एक नेपाली मजदूर पर बेटी के साथ अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग समय पर बलात्कार किए जाने संबंधी एफआईआर दर्ज करवाई थी, जिसमें विवेचना के उपरांत तीनों अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र पेश किया गया।
मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में पीड़िता सहित कुल 11 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए। अभियुक्त प्रधान की ओर से अधिवक्ता बीरबल सिंह भंडारी एवं अरूण प्रकाश बाजपेई तथा अन्य की गंभीर सिंह रावत द्वारा पैरवी करते हुए न्यायालय में पक्ष रखते हुए कहा गया कि पीड़िता के साथ हुए बलात्कार की कोई भी तथ्य एवं साक्ष्य पत्रावली पर नहीं आए और ना ही पीड़िता के साथ कथित बलात्कार का कोई मेडिकल परीक्षण में पुष्टि हुई है।
अभियुक्तों के विरूद्ध जो प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई गई, वह देरी से सोच समझ करके दुर्भावना ग्रस्त होकर दर्ज करवाई गई है। इसमें अभियोजन पक्ष अभियुक्तों के विरूद्ध आरोपित अपराध को संदेह से परे साबित करने में असफल रहा है। इन तथ्यों के आधार पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रुद्रप्रयाग द्वारा सभी अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया गया। सभी अभियुक्त 2023 से न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्ध हैं। अभियुक्तों को तत्काल रिहा करने के आदेश पारित किए गए।
*ग्राम प्रधान व साथी पर मानसिक रूप से नाबालिग विकलांग लड़की से दुराचार का आरोप।*