– रामपुर तिराहे कांड के समय दोनों दोषी 41 वीं वाहिनी में बतौर कांस्टेबल तैनात थे
– इसी माह 18 मार्च को सुनाई जाएगी सजा
पहाड़ का सच
मुजफ्फरनगर/देहरादून। करीब 30 साल बाद अलग राज्य की मांग को लेकर रामपुर तिराहे में गोलीकांड व दरिंदगी के मामले में कोर्ट ने शुक्रवार को दो पुलिस कर्मियों को दोषी करार दिया गया है। 18 मार्च यानी सोमवार को इस मामले में सजा सुनाई जाएगी ।
एडीजे शक्ति सिंह की कोर्ट ने रामपुर तिराहा कांड मामले में दो आरोपियों मिलाप सिंह व वीरेंद्र प्रताप को दोषी करार दिया है। यह दोनों 2 अक्टूबर 1994 को पीएसी 41 वीं वाहिनी मे तैनात थे । IPC 376, 354, 509 में दोनों पर दोष सिद्ध हुए।
उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने की मांग लेकर दिल्ली जाते समय रामपुर तिराहे पर आंदोलनकारी व पुलिस के बीच संघर्ष हुआ था। पुलिस ने गोली चलाने के अलावा महिला आंदोलनकारियों के साथ बलात्कार भी किया था। बहुचर्चित रामपुर तिराहे कांड के समय यूपी में मुलायम सिंह यादव की सरकार थी।
इस घटना के बाद उत्तराखंड में तीव्र प्रतिक्रिया हुई थी। और कई जगह कर्फ्यू लगा था। इस दौरान पुलिस की गोली से कई आंदोलनकारियों की मौत व कई घायल हुए थे। इस बीच, 2000 में राज्य गठन के बाद भी यह जंग चलती रही है।