– विधेयक पर कई घंटों तक चली चर्चा
– सदन में भाजपा बेंच ने पीएम मोदी व सीएम धामी को भगीरथ करार दिया व इस पल को ऐतिहासिक बताया
– कांग्रेस की मांग,यूसीसी विधेयक प्रवर समिति के हवाले किया जाय
– बुधवार को उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता विधेयक पारित करने वाला पहला राज्य बनेगा
पहाड़ का सच,देहरादून।
राज्य विधानसभा में यूसीसी विधेयक पर साढ़े चार घंटे तक सत्ता व विपक्ष ने तीखी नोक झोंक हुई। बुधवार को चर्चा के बाद विधेयक पारित किया जाएगा। कांग्रेस ने मांग की कि यूसीसी विधेयक को प्रवर समिति के हवाले किया जाय ताकि उसमें सुधार किया जा सके। भाजपा विधायकों ने यूसीसी विधेयक को ऐतिहासिक करार देते हुए पीएम मोदी व सीएम धामी की जमकर तारीफ की। .
सत्र के दूसरे दिन आज सुबह यूसीसी विधेयक सदन में पेश होने के बाद देर सांय तक हुई चर्चा में पक्ष विपक्ष ने अपने अपने विचार व्यक्त किए। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने शाम 6 बजकर 35 मिनट पर सदन की कार्यवाही सुबह 11बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
विधानसभा में पारित होने के बाद विधेयक को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। विधेयक पर राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलते ही यह कानून बन जायेगा।
सदन में सत्तापक्ष व विपक्ष की दलीलें
मंगलवार की दोपहर समान नागरिक संहिता विधेयक पर चर्चा के दौरान भाजपा सदस्यों ने केंद्र व प्रदेश सरकार की उपलब्धियों का ब्यौरा पेश किया। साथ ही यह भी जोड़ा कि विपक्ष भ्रांतियां फैला रहा है। वक्ताओं ने कहा कि विश्व के 80 देश समान नागरिक संहिता का पालन कर रहे हैं। अब उत्तराखण्ड से नागरिकों की बेहतरी के लिए समान नागरिक संहिता को लाया गया है।
भाजपाइयों ने विधेयक से जुड़े खास बिंदुओं अनिवार्य विवाह रजिस्ट्रेशन, नाजायज संतान को सम्पत्ति का अधिकार, बाल विवाह, तलाक, सम्पत्ति उत्तराधिकार में बुजुर्गों के अधिकार, बहु विवाह प्रथा,लिव इन रिलेशनशिप समेत कई मुख्य बिन्दुओं को गिनाया। उन्होंने कहा कि विधेयक सभी जाति व धर्मों की रक्षा करेगा।
ईसाई, जैन व सिख धर्म के लोग विधेयक से संतुष्ट नजर आ रहे हैं। विधेयक से समाज की कुरीतियों व भेदभाव दूर होगा। नारी शक्ति का सम्मान व पुरुष बेरोजगार को भी विधेयक में संरक्षण किया गया है। अन्य राज्यों के लिए मार्गदर्शक कानून बनने जा रहा है।
दोपहर दो बजे के बाद हुई चर्चा की शुरुआत में संसदीय कार्यमंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि यूसीसी से नारी शक्ति को समानता का अधिकार मिलेगा। विधेयक ने कई विसंगतियों को दूर किया गया है।उन्होंने कहा कि सम्पत्ति में माता,बच्चे का अधिकार होगा। पुत्र-पुत्री के अधिकारों में समानता प्रदान की गई है। संसदीय कार्यमंत्री ने मोदी व धामी को भगीरथ बताया।
उन्होंने कहा कि संघ हिन्दू विवाह व उत्तराधिकार एक्ट का विरोध किया। समान नागरिक संहिता की वकालत की। कहा कि, जब देश आजाद हुआ। तुष्टिकरण के आधार पर लागू नहीं किया गया।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि यूसीसी विधेयक प्रवर समिति के हवाले किया जाय। यूसीसी ड्राफ्ट पहले सदन में पेश करना चाहिए था। अध्ययन का समय मिलना चाहिए था। विधेयक के संदर्भ में संसदीय कार्यमंत्री को चर्चा करनी चाहिए थी। आर्य ने कहा कि एक्सपर्ट कमेटी में धर्मगुरुओं को भी सम्मिलित किया जाना चाहिए था,चूंकि सभी धर्मों के अलग अलग कानून हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने 2016 में राष्ट्रीय विधि आयोग की रिपोर्ट को नकार दिया गया। उसके बाद 2023 में नये विधि आयोग का गठन किया । ऐसे में राज्य में यूसीसी लागू करना कितना जरूरी है। आर्य ने कहा कि 2024 के चुनाव को देखते हुए यूसीसी लागू किया जा रहा है।आर्य ने कहा कि यूसीसी कमेटी ने विपक्ष को नहीं बुलाया गया, सुझाव नहीं लिए। हिमाचल, यूपी से विवाह करके आये लोगों पर कौन सा नियम लागू होगा।
कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि आदिवासी व जनजाति समाज को बाहर क्यों रखा गया। इन समुदाय की महिलाओं को विधेयक से क्यों वंचित किया गया।आर्य ने कहा कि आज के ज्वलन्त मुद्दे भ्रष्टाचार, माफिया, आपदा,मूल निवास व भू कानून पर चर्चा होनी थी। सत्ता पक्ष ने प्रश्नकाल व अन्य कार्यवाही स्थगित कर संवैधानिक नियमों का उल्लंघन किया है।
संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, मंत्री रेखा आर्य,विधायक मदन कौशिक, भरत चौधरी, आदेश चौहान, बिशन सिंह चुफाल, दिलीप सिंह रावत, सहदेव पुंडीर, राम सिंह कैढा, अनिल नौटियाल,बंशीधर भगत,त्रिलोक सिंह चीमा, सुरेश गढ़िया,बृजभूषण गैरोला,प्रीतम सिंह पंवार, राजकुमार पोरी, प्रमोद नैनवाल, दुर्गेश्वर लाल, मोहन सिंह मेहरा ने अपनी बात रखी।
सदन की झलकियां
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
चर्चा के दौरान भाजपा व कांग्रेस के बीच तीखी नोक झोंक हुई।
राम मन्दिर,आपात काल, लव जिहाद, जनसंख्या नियंत्रण, शाहबानो केस, दयानन्द सरस्वती, अंकिता भण्डारी हत्याकांड ,नागपुर अधिवेशन, तंदूर कांड,महिलाओं को 30 प्रतिशत नौकरी का आरक्षण,नकल विरोधी कानून, धारा 370,भीमराव अंबेडकर,नेहरू, इंदिरा,जी 20, परमाणु विस्फोट.हलाला, तीन तलाक.
यूसीसी कमेटी ने 2,32,961 लोगों के सुझाव लिए
धामी सरकार ने 4 जुलाई 2022 को यूसीसी ड्राफ्ट कमेटी का गठन किया। कमेटी की अध्यक्ष रिटायर जज रंजना प्रकाश देसाई बनाई गईं। कमेटी ने 72 बैठकें कर 2 लाख 32 हजार 961 लोगों से सुझाव लिए।