पहाड़ का सच
वृन्दावन की गलियों में श्रद्धालुओं के जूतों की देखभाल करने वाली यशोदा माता ने राम मंदिर को 51 लाख रुपये समर्पित कर दिए। उन्हें जब राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का आमंत्रण मिला तो वृन्दावन की इस सबरी राम मंदिर में पहले दिन के लिए जूते संभालने की सेवा मांगी और कहा साधना सफल हुई।
मात्र 20 वर्ष की ही थी तभी उनके पति धराधाम छोड़ गये, अकेली हो गई लेकिन हिम्मत नहीं टूटी बाँके बिहारी लाल जी को अपना जीवन समर्पित कर दिया।
वृंदावन की गलियों में दर्शन को गये भक्तों के जूतों की सुरक्षा करने लगी, बदले में भक्त भी उन्हें कुछ अर्पण कर देते। बीते 30 वर्षों से ऐसे ही थोड़े-थोड़े पैसे इकट्ठा कर के 51 लाख रुपये जमा हो गये। अब श्री राम मंदिर निर्माण की सूचना मिली तो इस सबरी माता ने अपने श्री राम के मंदिर को 51,10,025/- रुपये समर्पित कर दिए।