– कांग्रेस ने किया हमला, उद्यान घोटाले के दोषियों को बचाने की मंशा पर सुप्रीम कोर्ट ने पानी फेरा: आर्य
– राज्य सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए हर प्रयास कर रही है: माहरा
– नैनीताल हाईकोर्ट सीबीआई जांच का दे चुकी है आदेश
पहाड़ का सच,देहरादून।
सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की उद्यान घोटाले की सीबीआई जांच के खिलाफ पुनर्विचार याचिका खारिज हो गई है । याचिका खारिज होने के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि, राज्य के उद्यान घोटाले की सीबीआई जांच के उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश के विरुद्ध उत्तराखंड सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर पुनर्विचार याचिका को उच्चतम न्यायालय ने अस्वीकार करने से सिद्ध हो गया है कि, राज्य सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए हर प्रयास कर रही है ।
उन्होंने बताया कि आज सरकार की पुनर्विचार याचिका को अस्वीकार करते हुए उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि आखिर उत्तराखंड सरकार भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध हो रही सीबीआई जांच को क्यों रुकवाना चाहती है ?
आर्य ने कहा कि 26 नवंबर को उच्चतम न्यायालय के उद्यान घोटाले की जांच सीबीआई करवाने के आदेश के बाद उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने बयान दिया था कि, वे भ्रष्टाचारियों को संरक्षण नहीं देंगे । मंत्री के सार्वजनिक बयान के बाद सरकार उद्यान घोटाले में संलिप्त अधिकारियों, विधायक और उसके भाई को बचाने सुप्रीम कोर्ट गयी।
नेता प्रतिपक्ष मुख्यमंत्री से मांग की कि यदि थोड़ी भी नैतिकता और लोकतांत्रिक मूल्य बचे हैं तो उन्हें मंत्री गणेश जोशी से इस्तीफा ले लेना चाहिए। पहले ही उच्च न्यायालय के उद्यान घोटालों की सीबीआई जांच के आदेश से यह सिद्ध हो गया था कि, उत्तराखण्ड में भ्रष्टाचार की गंगा में सभी डुबकी लगा रहे थे। उन्होंने कहा कि, इस मामले में उच्च न्यायालय के आदेश में सरकार और शासन के सभी स्तरों की संदिग्ध भूमिका का उल्लेख किया गया था। आदेश में उच्च न्यायालय ने कहा था कि सत्ता दल के रानीखेत विधायक द्वारा अपने कथित बगीचे में फर्जी पेड़ लगाने का प्रमाण पत्र निर्गत किया था ।
इससे पहले ही सिद्ध हो गया था कि, उत्तराखंड के उद्यान घोटालों में केवल उद्यान निदेशक बबेजा ही लिप्त नहीं हैं बल्कि प्रदेश सरकार और भाजपा के विधायक व नेता भी सम्मलित हैं। आर्य ने आरोप लगाया कि पहले भी उच्च न्यायालय के द्वारा मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मंशा जाहिर करते ही राज्य सरकार ने आनन फानन में सीबीआई जांच का नोटिफिकेशन जारी कर दिया था । उन्होंने साफ किया कि , राज्य के अधिकारी और एसआईटी जांच में नकारा सिद्ध हुए हैं।
इसी मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन महरा ने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए उद्यान मंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने को कहा l महरा ने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए आखिर क्यों इतनी बेताब है, समझ से परे है।
उद्यान विभाग में हुए अरबों के घोटाले का खुलासा कई समय पूर्व होने के बाद भी पहले सरकार इसमें लीपापोती करती रही फिर उच्च न्यायालय द्वारा जब सरकार को फटकार लगाते हुए इस प्रकरण की जाँच सीबीआई से कराने का आदेश दे दिया तो सरकार भ्रष्टाचार को समाप्त करने के बजाय उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय पहुँच गयी जहाँ उसे मुंह की खानी पड़ी।
उन्होंने मांग की कि किसी न्यायाधीश के नेतृत्व में इस प्रकरण की सीबीआई जाँच हो ताकि सत्ता पक्ष के विधायक,मंत्री व चहेते अफसरों को बचाने के लिए दिल्ली दरबार से सीबीआई पर किसी तरह का दबाव बनाने की कोशिश न कर सके।