पहाड़ का सच
एक पिता ने अपनी बेटी की शादी के कार्ड को गढ़वाली में छपवाया है, गढ़वाली भाषा के संरक्षण की दिशा में इस नई पहल को देखकर आपको भी बहुत खुशी होगी, जहां इस कार्ड के वायरल होने से गढ़वाली भाषा को और भी महत्व मिलेगा। आशा है कि इस पहल के बाद और भी लोग गढ़वाली भाषा को संरक्षित रखने के लिए प्रयासरत रहेंगे।
नरेंद्रनगर के काकडासारी में 15 जनवरी को होने वाली अर्चना और कमंद के सुमन सिलस्वाल की शादी का कार्ड अर्चना के पिता भवानी दत्त तिवारी ने गढ़वाली भाषा में छपवाया है। यह एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण पहल है जो गढ़वाली भाषा को संरक्षित रखने के लिए की गई है। कार्ड पर मुख्यतः “अपणी भाषा अपणी पछाण” और ब्यो कु न्यूतु जैसे कई शब्द आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।