– महिला व साइबर अपराधों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी
– एसडीआरएफ ने 2023 में कुल 2002 व्यक्तियों एवं 214 पशुओं को सुरक्षित रेस्क्यू किया
पहाड़ का सच देहरादून।
डीजीपी अभिनव कुमार ने नये साल पर विभाग की प्राथमिकताएं गिनाते हुए कहा कि पुलिस व्यवस्था के पैमाने पर उत्तराखंड को 5 टॉप राज्यों में शुमार करने का लक्ष्य तय किया गया है। डीजीपी मीडिया के सामने शीर्ष अफसरों के साथ उपस्थित हुए और विभाग का पूरा लेखा जोखा पेश किया।
पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने कहा कि भारत सरकार एवं बीपीआरएण्डडी के सभी मापदण्डों में बेहतर प्रदर्शन कर उत्तराखण्ड पुलिस की टॉप-5 स्टेट में स्थान बनाने की पूरी कोशिश रहेगी। एसडीआरएफ को और अधिक मजबूत किया जायेगा। कुमाऊं में भी एसडीआरएफ बटालियन खोलने का प्रयास किया जायेगा।
डीजीपी ने कहा कि पुलिस में रिक्त पदों को भरने का प्रयास किया जाएगा। विभागीय पदोन्नति समयबद्ध, पारदर्शी रूप से सभी स्तर पर कराई जायेगी। शान्ति एवं कानून व्यवस्था, केस वर्कआउट आदि के लिए तकनीक, कर्मियों के प्रशिक्षण पर जोर दिया जायेगा।उन्होंने कहा कि आने वाले समय में चार धाम यात्रा, कांवड यात्रा, लोकसभा चुनाव, आपदा प्रबन्धन, आने वाले नेशनल गेम्स को सकुशल सम्पन्न कराने की चुनौती रहेगी और उत्तराखण्ड पुलिस इस चुनौती से प्रभावी रूप से निपटेगी।
भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के सम्बन्ध में ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार कर सभी विवेचकों को प्रशिक्षण कराया जाएगा।
ड्रग्स फ्री देवभूमि के मिशन को आगे बढ़ाते हुए enforcement और awareness की कार्यवाही की जाएगी।महिलाओं से सम्बन्धी अपराधों, साइबर क्राइम पर प्रमुखता से कार्यवाही की जायेगी।
यातायात का सुगम प्रबन्धन व सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना प्राथमिकता रहेगी। .अपराध व कानून व्यवस्था का लेखा जोखा
अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था ए पी अंशुमान द्वारा विगत वर्ष संगठित अपराधियों, नकल माफियाओं, गैंगस्टर्स के विरूद्ध की गयी प्रभावी कार्यवाही, कानून व्यवस्था सम्बन्धी चुनौतियों एवं उपलब्धियों के सम्बन्ध में विस्तार से बताया गया, जो निम्नवत हैं।
राज्य में भारतीय दण्ड विधान (IPC) के अन्तर्गत वर्ष 2022 में कुल 16549 पंजीकृत हुये, जिसके सापेक्ष वर्ष 2023 में 15797 अभियोग ही पंजीकृत हुए.