पहाड़ का सच देहरादून।
स्वर्गीय सुधीर चंद्र जोशी जी की पुण्य तिथि पर आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथावाचक आचार्य मायाराम डिमरी जी ने भगवान श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग व उनके जन्म लेने के गूढ़ रहस्यों को बेहद संजीदगी के साथ सुनाया। जिसे सुन श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे।
आचार्य डिमरी जी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों का उद्धार व पृथ्वी को दैत्य शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया । जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं।
कथा प्रसंग सुनाते हुए कथा वाचक ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं।
भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। इस दौरान कथा पंडाल में मौजूद सैकड़ों महिला पुरुष और बच्चे श्रद्धा भाव से भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के प्रसंग पर झूमते और नाचते हुए नजर आए।