पहाड़ का सच,देहरादून।
जीसटी विभाग द्वारा देहरादून में मौजूद तमाम एविएशन कंपनियों के दफ्तरों में ताबड़तोड़ छापेमारी की गई। जिससे इन कंपनियों में हड़कंप मचा हुआ है। शुक्रवार सुबह से घंटों तक हुए छापेमारी में टैक्स अधिकारियों की टीम ने तमाम जरुरी दस्तावेजों को जब्त किया। वहीं, कंपनियों के कंप्यूटर भी खंगाले गये। सूत्रों की माने तो ज्यादातर कंपनियों के मालिक या संचालक जीएसटी की टीम के अधिकारियों के सामने उपस्थित नहीं हो रहे हैं। उनके इस रवैये को देखते हुए जीएसटी की टीम इन दफ्तरों को सील करने की कार्रवाई कर सकती है। बता दें यह पहला मौका है जब जीसीटी टीम ने उत्तराखंड में एविएशन कंपनियों पर एक साथ इतनी बड़ी कार्रवाई की है। टैक्स अधिकारियों की माने तो उत्तराखंड में संचालित हो रही तमाम एविएशन कंपनियों द्वारा जीएसटी चोरी की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थी।
उत्तराखंड में यात्रा सीजन के दौरान सबसे ज्यादा रेवेन्यू जनरेट करने वाली हेली सेवाओं द्वारा टैक्स चोरी का मामला सामने आया है। बता दें यात्रा सीजन के दौरान हेली ऑपरेटर हर दिन करोड़ों में कमाई करते हैं। इस दौरान टैक्स के माध्यम से राजस्व प्राप्ति भी एक बड़ा सोर्स है। मगर इन हेली कंपनियों द्वारा लगातार टैक्स चोरी कर सरकार को राजस्व का चूना लगाया जा रहा है।
GST ज्वाइंट कमिश्नर सुनीता पांडे ने जानकारी दी कि केदारनाथ में हेली सेवा दे रही ट्रांसलेशन कंपनी के खिलाफ उन्हें कुछ इनपुट्स मिले थे। जिसमें बताया जा रहा है कि कंपनी ने वर्ष 2017-18 में रिटर्न निल भरी है। यानी की कोई टैक्स नहीं दिखाया गया है। जिसके बाद जीएसटी विभाग ने ट्रांस एविएशन के देहरादून और गुप्तकाशी कार्यालयों पर छापेमारी की। तमाम दस्तावेज और कंप्यूटर को अपने कब्जे में लिया गया है।
ज्वाइंट कमिश्नर सुनीता पांडे ने बताया केवल एक कंपनी पर ही नहीं बल्कि तमाम अन्य एविएशन कंपनियां भी जीएसटी डिपार्मेंट के रडार पर हैं। बताया जा रहा है कि तमाम एविएशन कंपनियों द्वारा जीएसटी फाइल नहीं किया जा रहा है। कई एविएशन कंपनियां 5 फ़ीसदी की दर से जीएसटी फाइल कर रही हैं, जबकि विभाग के अनुसार इन्हें 12 या 18 फीसदी की दर से जीएसटी रिटर्न भरना है। जीएसटी विभाग का कहना है कि लगातार हेली सर्विस दे रही है एविएशन कंपनियों पर पैनी नजर रखी जा रही है। हेली कंपनियों की होने वाली कमाई से प्रदेश को मिलने वाले राजस्व का एक बड़ा हिस्सा आता है। यदि एविएशन कंपनियां टैक्स चोरी कर रही हैं तो यह सरकार के खजाने पर बड़ी सेंधमारी है।