पहाड़ का सच, देहरादून
सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आरटीओ देहरादून की शिकायत की गई है । उनका कहना है कि आरटीओ देहरादून बार-बार नियम विरुद्ध कार्य कर रहे हैं। इनको देहरादून संभाग से हटाकर कर जांच सचिव परिवहन को सौंपी जाए जिसका कारण निम्नवत है:-
(1) शासन की एक ही तरह की अलग-अलग तिथि पर 2 अधिसूचना जारी हुई है एक अधिसूचना 21 सितंबर 2016 को जारी की गई जिस पर 18 रूट मार्ग जारी किए गए लेकिन इन दोनों अधिसूचना में नगर बस मार्ग का कोई उल्लेख नहीं है
(2) आरटीए देहरादून द्वारा 1/11/22 को बैठक कर18 रूटों पर टाटा मैजिक वाहनों के लिए स्टेज कैरिज परमिट जारी किए गए
(3)दूसरी अधिसूचना 6 फरवरी 2023 की है इसमें भी नगर बस का कोई उल्लेख नहीं है लेकिन इसमें आरटीओ देहरादून द्वारा अपने आप ही बिना किसी संख्या निर्धारित किए कई अस्थाई परमिट झाझरा से रायपुर रूट मार्ग पर बसों को जारी किए गए और उनका टैक्स भी माफ किया गया लेकिन पहले इस मार्ग को आरटीए की बैठक में नहीं रखा गया है
(4) अब प्रश्न यह है जब शासन की अधिसूचना एक जैसी ही है और 18 रूट पर आरटीए द्वारा टाटा मैजिक को बैठक में परमिट दिए गए । जबकि दूसरी अधिसूचना में आरटीओ द्वारा स्वयं अपने आप ही बिना आरटीए के ही बैठक के परमिट दिए गए वह भी बिना वैकेंसी फिक्स किए और अपने से ही बसों का टैक्स माफ किया गया। क्या यह सब गलत कार्य बिना किसी सुविधा शुल्क लिए संभव है?