पहाड़ का सच,रुद्रप्रयाग।
केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित घोड़े खच्चरों की नियमित जांच की जा रही है। पशुपालन विभाग अब तक 4,577 पशुओं के स्वास्थ्य की जांच कर चुका है। जिसमें से 194 घोड़े-खच्चर अनफिट पाए गए हैं, साथ ही 9 पशु मालिकों के विरुद्ध पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष रावत ने बताया कि यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के साथ किसी प्रकार से कोई पशु क्रूरता न हो, इसलिए उनकी निगरानी के लिए पैदल मार्ग पर म्यूल टास्क फोर्स लगातार सघन चेकिंग अभियान चला रही है। घोड़े-खच्चरों की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने पर उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केदारनाथ घोड़ा-पड़ाव, लिनचोली, गौरीकुंड व सोनप्रयाग में स्थापित अस्थाई पशु चिकित्सालयों में तैनात पशु चिकित्सक 24 घंटा उपलब्ध हैं।
डा. आशीष रावत ने बताया कि 801 पशुओं के उपचार के साथ ही 4,577 पशुओं के स्वास्थ्य की जांच की गई। जिसमें 194 पशुओं को यात्रा के लिए अयोग्य मानते हुए उन्हें यात्रा से हटाया गया। उन्होंने बताया कि 17 मई तक कुल 9 पशु मालिकों के विरुद्ध पशु क्रूरता अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। साथ ही यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों को गर्म पानी पिलाए जाने के लिए गीजरयुक्त पानी की चरियां अवस्थापित की गई हैं, जिनका संचालन एमटीएफ (म्यूल टास्क फोर्स) कर रहा है।