पहाड़ का सच, पौड़ी
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने दो दिवसीय भ्रमण के दौरान पौड़ी के सर्किट हाउस में रात्रि प्रवास के बाद दूसरे दिन घंडियाल होते हुए अपने गांव खैरासैंण पहुंचे। गांव में उनके परिजनों के साथ ही ग्रामीणों ने उनका स्वागत किया। घर पहुंच कर उन्होंने अपने पारिवारिक सदस्यों तथा स्थानीय लोगों से उनके हालचाल पूछते हुए पुरानी यादें ताजा करती कुछ चर्चा की।
ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों को लेकर गांव वालों से चर्चा करते हुए अपना रुख स्पष्ट किया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि स्थानीय लोगों के साथ जुड़ने से विकास कार्य जल्द पूरे हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि किस प्रकार से कुछ लोगों द्वारा पलायन को रोकने के लिए हॉल्टी टूरिज्म के रूप में कार्य किया जा रहा है। अपने गांव में कुछ घंटे रुकने के बाद वे कोटद्वार के लिए रवाना हुए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि जनपद के लिए महत्वपूर्ण ल्वाली झील को लेकर उन्होंने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि अगर ये झील बन जाती तो इससे पौड़ी जनपद की पेयजल आपूर्ति, सिंचाई की जरूरत, पर्यटन को बढ़ावा मिलता। लेकिन झील के निर्माण में लेट लतीफी हो रही है। उन्होंने कहा कि वे इस सम्बंध में मुख्यमंत्री से भी बात करेंगे, अगर झील जल्द बन जाती तो पौड़ी जनपद को विकास के नए आयाम से जोड़ा जा सकता था। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इससे पलायन को रोकने में भी मदद मिलती।