पहाड़ का सच, ऋषिकेश
1996 में अमेरिका से भारत घूमने आई एक लड़की भारतीय शाकाहार और गंगा मां के दर्शन से इतना प्रभावित हुई कि महज 30 साल की उम्र में उसने घर-परिवार को छोड़कर संन्यास ले लिया और ऋषिकेश में गंगा किनारे मौजूद परमार्थ निकेतन आश्रम में विगत 26 वर्षों से रह रही है। फिलहाल, ऋषिकेश में रहकर ही महिलाओं और बच्चों के लिए शिक्षा और सशक्तिकरण पर काम कर रही है।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ग्लोबल इंटरफेथ वॉश एलायंस की महासचिव हैं, जो जल, स्वच्छता और स्वच्छता के लिए धार्मिक नेताओं का पहला गठबंधन है, और विश्व प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक हैं। उन्हें अपने मानवीय कार्यों के लिए कई पुरस्कार मिले हैं, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड भी शामिल है।
या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
*अंतरराष्ट्रीय महिला* *दिवस के अवसर पर सभी*
*मातृशक्ति को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं*
*एवं समस्त मातृ शक्ति को मेरा सादर प्रणाम!*👏💐