पहाड़ का सच/एजेंसी
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कर्ज के बोझ तले दबे देश के खर्च में 15 प्रतिशत तक कमी लाने के लिए विदेश मंत्रालय को विदेशों में स्थित मिशन की संख्या घटाने, वहां पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने तथा अन्य उपायों की पहल करने का आदेश दिया है। एक खबर में बुधवार को यह जानकारी दी गई है।
‘द न्यूज इंटरनेशनल’ अखबार की खबर के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा मंगलवार को ‘‘रेशनेलाइजेशन ऑफ फॉरेन मिशन एब्रॉड’’ शीर्षक वाले एक निर्देश में शरीफ ने विषय के संबंध में दो हफ्तों के अंदर विदेश मंत्रालय से एक सुविचारित प्रस्ताव/योजना भी मांगी है।
खबर में कहा गया है, ‘‘(देश में) जारी वित्तीय संकट और इसके परिणामस्वरूप वित्तीय सुदृढ़ीकरण एवं बाहरी घाटे के नियंत्रण के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने एनएसी का गठन किया है.’’
खबर के अनुसार, ‘‘समिति ने सिफारिश की है कि विदेशों में स्थित पाकिस्तान के मिशन में खर्चों में 15 प्रतिशत तक कमी लाई जा सकती है। इसे विदेशी मिशन, वहां पदस्थ इसके अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संख्या घटाकर और अन्य उपयुक्त उपाय कर हासिल किया जा सकता है।
सेवानिवृत्त न्यायाधीशों सहित सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ पेंशन को दिए जाने वाले भत्तों और विशेषाधिकारों को सीमित कर दिया जाएगा। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ की आधी कैबिनेट बिना किसी वेतन या विशेषाधिकार के काम करेगी।
सभी सरकारी संस्थाओं के बजट में कटौती शामिल की जा सकती है। इसमें कैबिनेट सदस्यों, सांसदों और सरकारी कर्मचारियों के कुछ भत्तों और विशेषाधिकारों को वापस लिया जा सकता है, जिसमें लक्जरी वाहन और सुरक्षा/प्रोटोकॉल शामिल हैं। भर्ती पर पूरी तरह से रोक रहेगी, वहीं पिछले तीन साल से खाली पड़े सभी सरकारी पदों को खत्म कर दिया जाएगा।
इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की गुप्त सेवा निधियों, विवेकाधीन अनुदानों की सीमा तय की जाएगी। चुनिंदा विभागों में मुफ्त बिजली का फायदा लेने वालों को अब मुफ्त में बिजली नहीं दी जाएगी।