पहाड़ का सच/एजेंसी
प्रयागराज। समाजवादी पार्टी के स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस को लेकर की गई टिप्पणी के खिलाफ मोर्चा खोलना रोली तिवारी मिश्रा और ऋचा सिंह को भारी पड़ गया। समाजवादी पार्टी ने दोनों महिला नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया। समाजवादी पार्टी के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी गई।
किसी नोटिस के निष्कासित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण
पार्टी से निकाले जाने के बाद सपा की पूर्व प्रवक्ता ऋचा सिंह ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बिना कारण बताए या बिना किसी नोटिस के निष्कासित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण और हैरान करने वाला है। साफ है कि समाजवादी पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया का कतई पालन नहीं किया गया। रामचरित मानस का समर्थन करने और भगवान श्री राम का नाम लेने की वजह से समाजवादी पार्टी ने निकाला है।
अखिलेश यादव को अब अपर कास्ट के वोट की जरूरत नहीं
ऋचा सिंह ने कहा, “अखिलेश यादव ने अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया है कि उन्हें अब अपर कास्ट के वोट की कोई जरूरत नहीं है। समाजवादी पार्टी महिला विरोधी पार्टी हो गई है। स्वामी प्रसाद मौर्य छद्म समाजवादी हैं। अगर अखिलेश यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य महिषासुर बनेंगे तो रोली तिवारी व ऋचा सिंह उनका मर्दन करेंगी। अखिलेश यादव के इस कदम को लेकर जनता की अदालत में जाएंगे। चुनाव आयोग में भी शिकायत की जाएगी।
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं से जान का खतरा
ऋचा सिंह ने कहा कि रामचरितमानस विवाद पर स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ पार्टी की तरफ से बयानबाजी न करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा था। अब हमें समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं से खतरा हो गया है। सरकार को सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। अगर मेरे साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो उसके लिए सीधे तौर पर समाजवादी पार्टी जिम्मेदार होगी, अखिलेश यादव को चाहिए कि वह अपने कार्यकर्ताओं को हिदायत दें कि स्टेट गेस्ट हाउस कांड की तरह रोली तिवारी और ऋचा सिंह के साथ कोई घटना ना हो। अगर आज के हालात में डॉक्टर लोहिया और जयप्रकाश नारायण होते तो उन्हें भी समाजवादी पार्टी से बाहर निकाल दिया होता।
रामचरितमानस के लिए और मजबूती से लड़ेंगे लड़ाई
ऋचा सिंह ने कहा कि वे अखिलेश यादव को फिर से चिट्ठी लिखकर उनसे पूछेंगी कि आखिर हमें क्यों बाहर निकाला गया? रामचरितमानस देश की आत्मा है और हम रामचरितमानस के साथ खड़े रहेंगे। रामचरितमानस के लिए और मजबूती से लड़ाई लड़ेंगे। भगवान राम ने वनवास झेला था तो हम भी कोई भी सजा पाने को तैयार है।