पहाड़ का सच/एजेंसी
अमृतसर। पाकिस्तान से रिहा हुए दो भारतीय युवक अटारी वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत पहुंचे। सजा पूरी होने पर दोनों को रिहा किया गया । दोनों युवक गलती से पाकिस्तान में प्रवेश कर गए थे।
अटारी वाघा सीमा प्रोटोकॉल अधिकारी अरुण महल ने इस मौके पर कहा कि पाकिस्तान सरकार ने दो भारतीय कैदियों को रिहा कर दिया है। दोनों गलती से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे। उन्हें पाकिस्तान सरकार ने रिहा कर अटारी वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत भेजा है।
उनमें से एक की पहचान राजू के रूप में हुई है, जो मध्य प्रदेश का रहने वाला है, उसने पाकिस्तान सरकार द्वारा दी गई 5 से 6 साल की सजा पूरी कर ली है। अरुण महल ने बताया कि दूसरे का नाम गेमाराम है। वह राजस्थान के बाड़मेर जिले का रहने वाला है। 27 महीने की सजा पूरी कर वह भारत पहुंचा है। अटारी बाघा के प्रोटोकाल अधिकारी ने यह जानकारी दी कि बाड़मेर का गेमराम ने बताया कि वह गलती से बॉर्डर पार कर पाकिस्तान चला गया था। पाकिस्तान सरकार द्वारा रिहा किए जाने के बाद वह अपने वतन लौट आया है। अरुण महल ने बताया कि अमृतसर के उपायुक्त के निर्देश पर उसे अमृतसर के रेड क्रॉस भवन में रखा गया था। ऐसी संभावना है कि उसके परिवार के लोग आज अमृतसर आएंगे और अधिकारियों की मौजूदगी में उन्हें सौंपा जाएगा।
पाकिस्तान से छूटे भारतीय कैदियों में राजस्थान निवासी गेमाराम ने कहा कि उसका और एक लड़की का प्रेम संबंध चल रहा था। किसी बात को लेकर दोनों में कहा-सुनी हो गई। क्रोध में वह भारत की सीमा पार कर पाकिस्तान चला गया और पुलिस ने उसे कराची जेल भेज दिया। उसे 27 महीने की सजा सुनाई गई। सजा पूरी करने के बाद अब वह अपने देश लौट आया। उसने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं, अब मैं अपने परिवार के पास जाऊंगा।
दूसरे भारतीय शख्स राजू ने कहा कि उसने गलती से सीमा पर लगे तार को पार कर गया। उसे 6 साल की सजा हुई। सजा पूरी करने के बाद अब वह वतन लौट आया है।