पहाड़ का सच/एजेंसी
इस्लामाबाद। सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ बैठकों का दौर समाप्त होने के बावजूद बेल आउट पैकेज की अगली किस्त जल्द मिलने की कोई उम्मीद फिलहाल नहीं दिख रही है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार के वित्त मंत्री इशाक डार ने बताया कि आईएमएफ के ऋण कार्यक्रम को पुनर्जीवित करने के लिए 170 अरब रुपये का कर लगाना होगा। हालांकि यह करना फिलहाल अभी संभव नहीं है। ऐसा करने के लिए पाकिस्तान को एक मिनी-बजट बजट जारी करना होगा जिसके लिए उन्हें आईएमएफ से आर्थिक और वित्तीय नीतियों के ज्ञापन (MEFP) का मसौदा प्राप्त हुआ है।
ऐसे में पाकिस्तान के आर्मी चीफ कर्ज की उम्मीद लिए UAE पहुंच गए हैं। UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद की अबू धाबी में पाकिस्तान के सेना प्रमुख के साथ हुई एक मीटिंग की फोटो सोशल मीडिया पर साझा की गई है। यूएई नेता और जनरल असीम मुनीर ने कसर अल मुश्रीफ में बैठक कर दोनों देशों के संबंधों पर भी चर्चा की। हालांकि माना जा रहा है कि मीटिंग के माध्यम से आर्मी जनरल ने देश की आर्थिक स्थिति से UAE को अवगत कराया। आपको बता दें कि पहले भी UAE पाकिस्तान को दो अरब डॉलर का कर्ज और साथ ही पुराने कर्ज को चुकाने के लिए अतिरिक्त समय भी दे चुका है।
वहीं पाकिस्तान के डिफ़ॉल्ट होने का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. कई रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सूखता रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नौ वर्षों में पहली बार देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3 बिलियन डॉलर (2.9 बिलियन डॉलर) से नीचे खिसक गया है। इन पैसों से पाकिस्तान महज दस दिनों तक अपने एक्सपोर्ट के बिलों का भुगतान कर पायेगा।