पहाड़ का सच, देहरादून
सरकारी भर्तियों में हो रहे घोटालों के मामले पर लगाम लगाए जाने को लेकर उत्तराखंड सरकार ने नकल विरोधी कानून को लागू कर दिया गया है। उत्तराखंड में यह एक्ट के रूप में 10 फरवरी से लागू हो गया है। अध्यादेश के आनन-फानन में अनुमोदन के बाद विपक्ष तमाम सवाल खड़े कर रहा है।
दरअसल, 9 फरवरी को देहरादून की सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर लाठियां भांजी गई थी। जिसके बाद शाम को ही मुख्यमंत्री ने नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को अनुमोदित कर दिया था।जिसको लेकर अब राजनीतिक सियासत गरमाती नजर आ रही है।
वैसे नकल विरोधी कानून को 15 फरवरी को होने वाले मंत्रिमंडल की बैठक में पास किया जाना था। उसके बाद राजभवन की मंजूरी मिलते ही एक्ट के रूप में प्रभावी हो जाता, लेकिन जो परिस्थितियां प्रदेश में बनी, खासकर शिक्षित बेरोजगारों पर लाठीचार्ज होने के बाद तत्कालीन सरकार ने नकल विरोधी अध्यादेश पर अनुमोदन करते हुए राजभवन से भी अनुमोदित करा लिया। लिहाजा विपक्ष इस बात को कह रहा है कि सरकार ने शिक्षित बेरोजगारों को भटकाने के लिए आनन-फानन में इस अध्यादेश को लागू किया है।
नकल विरोधी कानून जल्दबाजी में किया पास – कापड़ी
उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा नकल विरोधी अध्यादेश को पहले ही लाया जाना चाहिए था, लेकिन आनन-फानन में सरकार इस अध्यादेश को लेकर आई है। जिससे युवाओं के ध्यान को भटकाया जा सके। उन्होने कहा इन भर्ती घोटालों की अपराधियों की पहचान और मामले की सीबीआई जांच की मांग युवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा सरकार ने अपराधियों को बचाने और इस पूरे मामले को टालने के लिए नकल विरोधी कानून को जल्दबाजी से पास किया है।
युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ न हो इसके लिए सख्त कानून लाना हमारी जिम्मेदारी थी – भट्ट
आनन-फानन में नकल विरोधी कानून लाये जाने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा यह कानून तो आना ही था। धामी सरकार इसे पहले ही ले आई। लिहाजा इसका सम्मान होना चाहिए। यह कैबिनेट का विषय था। उन्होंने कहा युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ न हो इसके लिए सख्त कानून लाना हमारी जिम्मेदारी थी। महेंद्र भट्ट ने कहा उत्तराखंड में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बना है। इसका सबको स्वागत करना चाहिए
विपक्ष की भूमिका उत्तराखंड के अनुकूल नहीं – प्रेमचंद
मामले में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा इस पूरे प्रकरण में विपक्ष की जो भूमिका है वह उत्तराखंड के अनुकूल नहीं है। उत्तराखंड का युवा बहुत ही अनुशासित है। कुछ लोग इन युवाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा बेरोजगार युवाओं के एक डेलिगेशन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात भी की है। सरकार युवाओं के प्रति काफी संवेदनशील है। यही वजह है कि नकल विरोधी कानून लाया गया है।