
मनीष सकलानी/पहाड़ का सच

देहरादून। श्री श्री बालाजी सेवा समिति (रजि.), देहरादून द्वारा आयोजित 16वें सामूहिक विवाह महोत्सव के अंतर्गत 27 दिसंबर को निकली ऐतिहासिक बारात ने पूरे देहरादून शहर को स्तब्ध और उत्साहित कर दिया। जब एक साथ 51 से अधिक दूल्हे पारंपरिक वेशभूषा में, बैंड-बाजों की गूंजती धुनों के बीच घोड़ियों पर सवार होकर निकले, तो यह दृश्य ऐसा था जिसे देखने के लिए लोग अपने-अपने काम छोड़ सड़कों पर ठहर गए।
शनिवार को दोपहर ठीक 3 बजे गोपीनाथ मंदिर से बारात के प्रस्थान करते ही माहौल उत्सवमय हो गया। मंदिर परिसर से लेकर मुख्य मार्गों तक लोगों की भीड़ पहले से मौजूद थी। जैसे-जैसे बारात आगे बढ़ी, दर्शनलाल चौक, घंटाघर, पलटन बाजार और झंडा बाजार जैसे व्यस्त इलाकों में भी लोग स्वतः ही रुक गए और इस दुर्लभ दृश्य को निहारते रहे।
शहरवासियों के लिए यह नज़ारा इसलिए भी खास रहा क्योंकि एक साथ इतने दूल्हों को घोड़ी पर सवार देखना देहरादून के इतिहास में बहुत कम देखने को मिला है। बच्चे उत्साह से तालियाँ बजाते नज़र आए, बुज़ुर्ग भावुक होकर इस सामाजिक पहल की सराहना करते दिखे और युवा वर्ग मोबाइल कैमरों में इस ऐतिहासिक पल को कैद करता रहा।
बारात मार्ग में जगह-जगह पुष्पवर्षा, तिलक और जलपान के साथ स्वागत किया गया। शहर की विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और प्रतिष्ठित हस्तियों ने भी बारात का सत्कार कर आयोजकों की इस अनूठी पहल की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
लगभग रात्रि 8:00 बजे शिवाजी धर्मशाला पहुँचकर यह भव्य यात्रा संपन्न हुई। यह बारात न केवल एक आयोजन थी, बल्कि सामाजिक समरसता, संस्कार और सामूहिक सहयोग का ऐसा दृश्य बन गई, जिसे देहरादून लंबे समय तक याद रखेगा।
रिपोर्ट मनीष सकलानी
