
पहाड़ का सच/एजेंसी।

गुवाहाटी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) चीफ मोहन भागवत ने गुवाहाटी में हिंदू धर्म और भारत के हिंदू राष्ट्र पर दिए एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि “जो कोई भी भारत पर गर्व करता है, वह हिंदू है।,” उन्होंने समझाया कि ‘हिंदू’ किसी एक धर्म का नाम नहीं, बल्कि भारत की हजारों वर्षों पुरानी सांस्कृतिक विरासत और सभ्यतागत पहचान का प्रतीक है। भागवत ने इस शब्द को एक समावेशी अवधारणा बताया, जो देश की विविधता को एक सूत्र में बांधने का काम करती है। उनके बयान ने एक बार फिर भारत की सांस्कृतिक परिभाषा और राष्ट्रीय पहचान पर नई बहस को जन्म दे दिया है।
देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए किसी औपचारिक घोषणा की आवश्यकता नहीं
मोहन भागवत ने अपने संबोधन में स्पष्ट कहा कि भारत और हिंदू एक-दूसरे के पर्याय हैं, और देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए किसी औपचारिक घोषणा की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि भारत की सभ्यता, परंपरा और सांस्कृतिक चेतना पहले से ही इसकी पहचान तय करती है।
RSS का उद्देश्य किसी के खिलाफ संघर्ष करना नहीं
उन्होंने जोर देकर कहा कि “हिंदू” कोई सीमित धार्मिक शब्द नहीं, बल्कि एक जीवनदृष्टि, संस्कृति और भारत की हजारों वर्षों पुरानी सभ्यतागत पहचान का प्रतीक है। भागवत ने यह भी उल्लेख किया कि RSS का उद्देश्य किसी के खिलाफ संघर्ष करना नहीं, बल्कि चरित्रवान और जिम्मेदार नागरिकों का निर्माण करना है, ताकि राष्ट्र को मजबूत और समृद्ध दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।
मोहन भागवत ने अपने संबोधन में भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में RSS के प्रयासों को रेखांकित करते हुए कहा कि विविधताओं से भरे देश को एक सूत्र में पिरोकर रखना ही संघ का वास्तविक मूल है। उन्होंने असम में बदलते जनसांख्यिकीय स्वरूप पर चिंता जताते हुए अवैध घुसपैठ पर कड़ी निगरानी, संतुलित जनसंख्या नीति और हिंदू परिवारों के लिए तीन बच्चों के मॉडल की आवश्यकता पर जोर दिया। युवाओं को संबोधित करते हुए भागवत ने इंटरनेट और सोशल मीडिया का जिम्मेदारी से उपयोग करने की सलाह दी, ताकि गलत जानकारी व तनाव पैदा करने वाली गतिविधियों से समाज सुरक्षित रह सके।
पूर्वोत्तर भारत को विविधता में एकता का प्रतीक बताते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि यह क्षेत्र देश की सांस्कृतिक मजबूती का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने लचित बोरफुकन और श्रीमंत शंकरदेव जैसी ऐतिहासिक शख्सियतों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये केवल क्षेत्रीय नायक नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। बता दें कि RSS चीफ तीन दिवसीय दौरे पर गुवाहाटी पहुंचे हैं जिसके बाद 20 नवंबर को मणिपुर के लिए रवाना होंगे।
