
केदार सभा ने कपाट बंद होने से पहले बीकेटीसी अध्यक्ष को हटाने की उठाई मांग

केदारसभा ने मुख्यमंत्री धामी को लिखा पत्र
पहाड़ का सच रुद्रप्रयाग/देहरादून। उद्योगपति मुकेश अंबानी द्वारा शुक्रवार को बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) को 10 करोड़ रुपये का चेक सौंपने के ठीक बाद ही केदार सभा ने समिति अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी को हटाने की मांग उठा दी। अध्यक्ष की कुर्सी संभालने के कम समय में ही द्विवेदी का विरोध शुरू हो गया है।
केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों की प्रमुख संस्था केदार सभा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजकर आरोप लगाया है कि अध्यक्ष द्विवेदी स्थानीय लोगों और तीर्थ पुरोहितों की उपेक्षा कर रहे हैं। सभा का कहना है कि उनके रवैये से धाम की परंपराएं और व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि यदि चारधाम के कपाट बंद होने से पहले द्विवेदी को पद से नहीं हटाया गया, तो तीर्थ पुरोहित आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
पत्र पर केदार सभा के दर्जनभर से अधिक सदस्यों के हस्ताक्षर हैं। इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि द्विवेदी प्रशासनिक निर्णयों में एकतरफा रवैया अपनाकर स्थानीय पुरोहितों की अनदेखी कर रहे हैं।
बीकेटीसी से जुड़े कुछ पदाधिकारी इस पूरे विवाद को व्यक्तिगत मतभेद करार दे रहे हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार इस प्रकरण पर क्या रुख अपनाती है, क्योंकि मामला तीर्थ परंपराओं और धार्मिक व्यवस्थाओं से जुड़ा हुआ है।
इस नये विवाद को अध्यक्ष हेमंत को कमजोर करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इस मुद्दे पर अध्यक्ष का लिखित बयान आने पर अलग से प्रकाशित किया जाएगा।
गौरतलब है कि बरसात में बद्री केदार में हेली सेवा पर प्रतिबंध के बावजूद बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्वेदी सावन के सोमवार को हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंच गए थे। इस मुद्दे पर काफी बवाल हुआ था। और हेली सर्विस के खिलाफ जांच भी हुई थी।
सीएम को लिखा पत्र श्रीमान पुष्कर सिंह जी धामी मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार
विषय । अध्यक्ष श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मन्दिर समिति के सन्दर्भ में
महोदय, श्री केदार सभा समिति आपसे आग्रह करती है कि श्री हेमन्त द्विवेदी (अध्यक्ष मन्दिर समिति की कार्यप्रणाली से स्थानीय लोगों के साथ-साथ तीर्थ पुरोहितों में जनाकोश बना हुआ है।
अतः उक्त व्यक्ति को कपाट बन्द होने से पूर्व यथा शीघ्र अध्यक्ष श्री बद्री- केदारनाथ मन्दिर समिति से हटा दिया जाय जिससे जनांदोलन की स्थिति उत्पन्न न होने पाये।
