
पहाड़ का सच देहरादून। सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय देहरादून में विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में नगर निगम, शिक्षा विभाग, पशुपालन विभाग, समेकित बाल विकास विभाग, पंचायती राज विभाग के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया ।

गोष्ठी में रेबीज संक्रमण के फैलने के कारणों, उनसे बचाव, एवं रोकथाम हेतु उपचार के विभिन्न आयामों पर चर्चा की गयी। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज कुमार शर्मा ने कहा कि रेबीज संक्रमण एक जानलेवा संक्रमण है, किंतु इसकी रोकथाम पूर्णतः सम्भव है। उन्होंने कहा कि रेबीज संक्रमण की रोकथाम में जनजागरूकता की महत्वपूर्ण भूमिका है। विद्यालयों एवं पंचायत/वार्ड प्रतिनिधियों के माध्यम से जनजागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि पालतू पशुओं का नियमित टीकाकरण करवायें तथा लावारिश पशुओं की जानकारी नगर निगम को दें। पशुओं से अनावश्यक छेड़खानी ना करें।जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ प्रदीप राणा ने बताया कि पालतू जानवरों के काटने पर घाव को साबुन और साफ पानी से धोकर घरेलू एंटीसेप्टिक का उपयोग करना चाहिए तथा बिना समय गंवाए तुरंत चिकित्सक के पास जाकर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवानी चाहिए।
गोष्ठी में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एन.एच.एम. डॉ निधि रावत, चिकित्सा अधिकारी डॉ एन.के. त्यागी, जिला मलेरिया अधिकारी सुभाष जोशी, इपिडिमियोलॉजिस्ट डॉ0 पियूष ऑगस्टीन, एन.वी.बी.डी.सी.पी. कंसल्टेंट डॉ. मनीषा बिष्ट डाटा मैनेजर दीपक सहल, ममता पयाल, मोहिनी, आशा सेमल्टी सहित समस्त एन.एच.एम. कर्मियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
