
श्रीनगर। रविवार को राजकीय शिक्षक संघ के बैनर तले हजारों शिक्षकों ने श्रीनगर में आक्रोश रैली निकालकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। उनकी प्रमुख मांगों में प्रधानाचार्य सीधी भर्ती निरस्त करने, लंबित पदोन्नति, स्थानांतरण नीति में सुधार सहित 34 सूत्रीय मुद्दे शामिल हैं।

राजकीय शिक्षक संघ की सीएम से वार्ता, मांगों को हल किया जाएगा: सीएम
रैली में गढ़वाल मंडल के सभी जिलों से आए शिक्षकों ने एनआईटी मैदान से राष्ट्रीय राजमार्ग होते हुए गोला पार्क तक मार्च निकाला। इस दौरान शिक्षकों ने सरकार और शिक्षा मंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चेतावनी दी कि यदि मांगों पर जल्द सुनवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाएगा।
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि 18 अगस्त से शिक्षक क्रमबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। पहले चॉक डाउन और ब्लॉक स्तर पर धरना-प्रदर्शन किया गया, फिर 17 सितंबर को देहरादून में बड़े स्तर पर प्रदर्शन कर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की गई। बावजूद इसके, अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं हुई। उन्होंने बताया कि अपनी पीड़ा को उजागर करने के लिए शिक्षकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से पत्र भी लिखा है।
रैली में मौजूद रमेश पैन्यूली, श्याम सिंह, हेमंत, लक्ष्मण सिंह सजवाण, माखन लाल, मनोज काला, जयदीप रावत, अब्बल सिंह और गुकुल मारतोलिया ने कहा कि शिक्षक वर्षों से पदोन्नति और स्थानांतरण जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। प्रधानाचार्य सीधी भर्ती भी शिक्षकों के हितों के खिलाफ है। यदि सरकार ने जल्द मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं की तो प्रदेशभर में आंदोलन उग्र रूप लेगा और इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
