
हर महीने 10 तारीख तक अनिवार्य होगी समीक्षा रिपोर्टिंग, ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड की ओर कुमाऊं पुलिस का बड़ा कदम

आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने दिए सख्त निर्देश, गोपनीयता और कठोर कार्रवाई पर जोर
पहाड़ का सच नैनीताल। धामी सरकार के “ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड” के विजन को आगे बढ़ाते हुए कुमाऊं पुलिस ने नशा माफियाओं पर नकेल कसने के लिए बड़ा कदम उठाया है। आईजी श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल की पहल पर क्षेत्र में सक्रिय लगभग 215 आदतन नशा तस्करों, जिन पर 2 या उससे अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए हर संदिग्ध पर एक-एक उपनिरीक्षक व अपर उपनिरीक्षक को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
देखने में आया है कि युवाओं के बीच मादक पदार्थों का प्रचलन बढ़ता जा रहा है जो एक भयावह चुनौती है। नशा किशोरावस्था के बच्चों से लेकर वयस्कों तक को अपनी गिरफ्त में ले चुका है। कुमाऊं पुलिस ने तय किया है कि नशा तस्करों की हर गतिविधि पर गुप्त और सघन निगरानी रखी जाएगी तथा योजनाबद्ध तरीके से उन्हें कानून के शिकंजे में कसते हुए कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
आई जी रिद्धिम अग्रवाल का कहना है कि यह केवल एक कानून-व्यवस्था का कदम नहीं है, बल्कि समाज को नशे के चंगुल से मुक्त कराने और आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित भविष्य देने का संकल्प है।
आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक संदिग्ध की आजीविका और गतिविधियों की गहन जांच के लिए सभी नामित उपनिरीक्षक एवं अपर उपनिरीक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि संदिग्धों की वर्तमान आजीविका, रहन-सहन और रोज़मर्रा की गतिविधियां क्या हैं। यह भी देखा जाएगा कि संदिग्ध अथवा उसके परिजनों का जीवन स्तर उनकी आय के ज्ञात स्रोतों के अनुरूप है अथवा नहीं। यदि किसी भी प्रकार की असमानता या संदिग्ध गतिविधियों के संकेत मिलते हैं तो उसकी तत्काल तस्दीक कर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाए।
उन्होंने कहा कि यदि निगरानी के दौरान यह प्रमाणित होता है कि कोई संदिग्ध पुनः नशे की तस्करी अथवा बिक्री में संलिप्त है, तो उसके विरुद्ध NDPS Act, PITNDPS Act और Gangsters Act के तहत योजनाबद्ध एवं कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नशा कारोबारियों को किसी भी सूरत में कानून से छूट न मिल पाए और समाज पर उनका दुष्प्रभाव समाप्त किया जा सके।
सुनियोजित निगरानी और कार्रवाई को प्रभावी बनाने के लिए क्षेत्राधिकारी प्रतिदिन की प्रगति का अवलोकन कर अधीनस्थ कार्मिकों का मार्गदर्शन करेंगे। वहीं, अपर पुलिस अधीक्षक स्तर पर प्रत्येक सप्ताह समीक्षा कर कार्यों की प्रगति का मूल्यांकन करेंगे। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि निगरानी कार्यवाही केवल कागजों तक सीमित न रहे, बल्कि वास्तविक धरातल पर परिणाम भी दिखाए।
आईजी ने निर्देश दिए कि नामित उपनिरीक्षक/अपर उपनिरीक्षक और एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की संयुक्त कार्रवाई की व्यक्तिगत पाक्षिक समीक्षा की जाएगी। हर माह की 10 तारीख तक विस्तृत रिपोर्ट आईजी कार्यालय में उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
अनियंत्रित दवा बिक्री पर बड़ी कार्यवाही, मेडिकल स्टोर सील
पहाड़ का सच नैनीताल। कुमाऊं पुलिस एवं औषधि नियंत्रक विभाग द्वारा अनियंत्रित दवा बिक्री पर बड़ी कार्यवाही के लिए निरंतर अभियान चलाया जा रहा है।
आईजी एवं स्वास्थ्य सचिव उत्तराखण्ड से प्राप्त आदेशों के क्रम में औषधि नियंत्रक विभाग की टीम, SOTF कुमाऊ परिक्षेत्र तथा अन्य विभागों द्वारा बनभूलपुरा, हल्द्वानी के 5 मेडिकल स्टोरों का संयुक्त निरीक्षण किया गया।निरीक्षण के दौरान 3 मेडिकल स्टोरों में कई अनियमितताए पाई गईं, जिन पर नोटिस जारी कर उनसे अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा गया।
एक मेडिकल स्टोर का क्रय-विक्रय रोककर फर्म को मौके पर ही बंद कराया गया। संयुक्त निरीक्षण के दौरान केजीएन मेडिकल स्टोर, बनभूलपुरा में Tramadol के 947 कैप्सूल पाए गए।
फर्म स्वामी मोहम्मद आसिम पुत्र सरताज हुसैन से बार-बार पूछने पर भी क्रय-विक्रय से संबंधित कोई अभिलेख अथवा बिल प्रस्तुत नहीं किए गए।
औषधि नियंत्रक विभाग द्वारा फर्म का लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की गई। उक्त फर्म के विरुद्ध NDPS Act, 1985 के अंतर्गत पृथक से कार्यवाही सम्पादित की जा रही है। मौके पर ही फर्म को सील कर दिया गया।
इस कार्यवाही मे औषधि नियंत्रक विभाग की वरिष्ठ औषधि निरीक्षक श्रीमती मीनाक्षी बिष्ट नैनीताल वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार , ऊधमसिंहनगर औषधि निरीक्षक अर्चना उप्पल गहतोडी, नैनीताल औषधि निरीक्षक शुभम कोटनाला, निधि शर्मा ऊधमसिंह नगर तहसीलदार हल्द्वानी श्रीमती मनीषा बिष्ट कुमाऊ परिक्षेत्र से SOTF उनि पूरन मार्तोलिया, हेका मुजफ्फर अली, हेका पंकज कंडारी, थाना बनभूलपुरा पुलिस से उनि मनोज यादव
का दिलशाद आदि शामिल रहे।
