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देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल गुरमीत सिंह से मुलाकात कर प्रदेश की बहुमूल्य जमीनों को सरकार के संरक्षण में खुर्द बुर्द किये जाने की शिकायत की है। कांग्रेस डेलिगेशन ने इस मामले की सीबीआई जांच कराये जाने व जॉर्ज एवरेस्ट की भूमि कंपनी को देने का आदेश तुरंत निरस्त किए जाने का आग्रह राज्यपाल से किया है।

मसूरी में जार्ज एवरेस्ट की सरकारी जमीन के मामूली किराये के मामले ने फिर तूल पकड़ा
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में राज्यपाल से मुलाकात की। सभी ने जॉर्ज एवरेस्ट भूमि का मसला उनके समक्ष रखा। कांग्रेस नेताओं ने इस मामले की सीबीआई जांच कराये जाने व बैरागी कैंप की भूमि किराए पर देने की प्रक्रिया पर रोक लगाए जाने की मांग की है।
मसूरी का जॉर्ज एवरेस्ट जमीन का मामला: विभागीय मंत्री व सीईओ की भूमिका की जांच हो:गणेश गोदियाल
कांग्रेस जनों का कहना है कि राज्य के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों में से एक मसूरी के पार्क इस्टेट के हाथी पांव इलाके में पर्यटन विभाग की 422 एकड़ भूमि है। इनमें से अधिकांश जमीन 1990 से 1992 तक तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार और पर्यटन विकास के उद्देश्य से स्थानीय भूमिधरों से अधिग्रहित की गई थी। तब से इस क्षेत्र को जॉर्ज एवरेस्ट स्टेट के नाम से भी जाना जाता है। 19 जुलाई 2023 को उत्तराखंड के पर्यटन सचिव रहे सचिन कुर्वे ने इस भूमि में से 172 एकड़ भूमि राजस एरो स्पोर्ट्स एन्ड एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड को केवल एक करोड रुपए सालाना किराए पर पर्यटन गतिविधियों के नाम पर 15 साल के लिए दे दी। टेंडर की शर्तों के अनुसार अगले 15 वर्षों के लिए भी अगर यह जमीन किराए पर दी जानी है तो प्राथमिकता इसी कंपनी को मिलेगी।
मसूरी में जाज एवरेस्ट की सरकारी जमीन के मामले में विभाग का दावा, फमों का चयन टेंडर से ही किया गया
इसका मतलब उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने इस जमीन को 30 साल के लिए योग गुरु बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण की कंपनी को देने का पूरा इंतजाम कर लिया है। कांग्रेस का कहना है कि मसूरी जैसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल में इस भूमि का वर्तमान बाजार मूल्य 30 हजार करोड़ के आसपास है।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने कहा अब हरिद्वार स्थित बैरागी कैंप की जमीन को भी इसी कंपनी को देने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने ने राज्यपाल से बैरागी कैंप की टेंडर प्रक्रिया रोके जाने का आग्रह किया है। इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में आई आपदा पर सरकार को पूरी तरह विफल बताया है। उत्तराखंड के राज्यपाल को सौपें ज्ञापन में कांग्रेस का कहना है कि तीन दिन से देहरादून समेत प्रभावित क्षेत्रों में बिजली पानी सुचारु नहीं हो पा रहा है। राहत और पुनर्वास के काम ठप पड़े हुए हैं. बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। सरकार की कोई तैयारी दिखाई नहीं दे रही है।
