
गंगोत्री हाईवे कई जगह से टूटा, गंगनानी के निकट का पुल गायब, हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंची

पहाड़ का सच उत्तरकाशी/देहरादून।
मंगलवार को धराली व हर्षिल इलाके में मची तबाही बाद भी मलबे में जिंदगी की तलाश की जा रही है। अब तक छह लोगों की मौत की जानकारी है। घटना के करीब 30 घंटे बाद भी मृत लोगों का आंकड़ा पता नहीं चल पाया। धराली तक जाने वाले गंगोत्री हाईवे के कई जगह से टूटने की वजह से राहत व बचाव कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। बावजूद इसके सेना, आपदा दल व पुलिस बचाव व राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र का दौरा कर आपदा प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने प्रभावितों का हालचाल लिया और उन्हें हरसंभव सरकारी सहायता का भरोसा दिलाया। उधर, मंगलवार को गंगोत्री हाईवे के भटवाड़ी के निकट क्षतिग्रस्त होने के बाद वैकल्पिक मार्ग तैयार करने की कोशिश हो रही है। इस मार्ग पर वाहन फंसे हुए हैं। आवागमन बन्द होने से राहत व बचाव दल भी धराली तक पहुंचने के लिए मशक्कत कर रहे हैं।
इलाके में बिजली व दूर संचार का संकट भी देखने में आ रहा है।
गंगोत्री हाईवे पर गंगनानी के पास बना पुल भी बाढ़ में बह गया। इस पुल के टूटने व जगह-जगह रास्ते टूटने से धराली तक पहुंचना काफी कठिन हो गया है।
मलबे से अटे धराली में राहत व बचाव दल जिंदगी तलाश रहे हैं। आपदा में अब तक छह लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि लगभग 100 लोग इस आपदा के शिकार हुए हैं। हर्षिल के आर्मी कैम्प को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
इधऱ,मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि “कोई भी प्रभावित परिवार सहायता से वंचित न रहे और सभी को समयबद्ध तरीके से राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाए।”
राहत कार्यों को गति देने के लिए दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से खाद्य सामग्री एवं आवश्यक वस्तुएं धराली पहुंचाई गईं। इसके अलावा, भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से भारी मशीनरी भी भेजी जा रही है, जिससे मार्ग मरम्मत, मलबा हटाने और अन्य आवश्यक कार्य तेजी से पूरे हो सकें।
