
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद क्या फैसला लेगी स्पीकर खण्डूड़ी ?

तीन साल से विधायक उमेश कुमार की सदस्यता पर नहीं लिया फैसला: मोर्चा
पहाड़ का सच, विकासनगर।
खानपुर के विधायक उमेश कुमार से जुड़े लंबित मामले में तीन साल बाद भी कोई फैसला न लेने के कारण जन संघर्ष मोर्चा लगातार विधानसभा अध्यक्ष पर हमलावर है। मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने आरोप लगाए कि श्रीमती खंडूड़ी खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को संरक्षण देकर प्रदेश में माफियाराज को बढ़ावा दे रही हैं।
उन्होंने कहा कि उक्त विधायक के खिलाफ विभिन्न राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में लगभग 30 संगीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें यौन शोषण, ब्लैकमेलिंग, साजिश, ज़मीन कब्जा और धोखाधड़ी जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। नेगी ने आरोप लगाया कि ऐसे जालसाज विधायक के पक्ष में खड़े होने का मतलब है संविधान और नैतिकता दोनों का अपमान। उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रदेश को शर्मसार करने वाले तथ्यों के बावजूद तीन साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई न होना मिलीभगत और राजनीतिक दबाव की ओर इशारा करता है।
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि 26 मई 2022 को रुड़की निवासी रविन्द्र पनियाला द्वारा विधानसभाध्यक्ष के समक्ष दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई की मांग करते हुए याचिका दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि विधायक ने निर्दलीय रूप से चुनाव जीतने के बाद राजनीतिक दल की सदस्यता ली और अपनी अलग पार्टी बनाकर दल-बदल कानून का उल्लंघन किया है, जिससे उनकी सदस्यता रद्द होनी चाहिए। नेगी ने कहा कि तीन साल बाद 7 मई 2025 को विधायक उमेश कुमार व याचिकाकर्ता रविन्द्र पनियाला को विधानसभा की ओर से नोटिस भेजा गया। स्पीकर की तीन साल से जारी चुप्पी पर कई सवाल उठ रहे हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि विधानसभाध्यक्ष किस भय या दबाव में काम नहीं कर रही हैं? यदि वे स्वतंत्र निर्णय नहीं ले सकतीं, तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। नेगी ने कहा कि उच्च न्यायालय पहले ही इस विषय पर स्वतः संज्ञान ले चुका है और हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी विधानसभाध्यक्षों द्वारा फैसले में देरी और संरक्षण देने पर कड़ी टिप्पणी की है।
नेगी ने आरोप लगाया कि खंडूरी अपने पिता जनरल बीसी खंडूरी की नैतिकता और अनुशासन से कुछ नहीं सीख पाईं। उन्होंने कहा कि पूर्व में दल-बदल के मामलों में कई विधायकों को इस्तीफा देना पड़ा था, लेकिन इस मामले में निष्क्रियता दुर्भाग्यपूर्ण है। पत्रकार वार्ता में ठाकुर भाग सिंह और प्रवीण शर्मा पिन्नी उपस्थित रहे।
