
धामी ने नगर निगम महापौर एवं नगर पालिका अध्यक्षों से संवाद किया
. मुख्यमंत्री ने शहरी विकास विभाग द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों की सहायता हेतु तैयार तीन वेब पोर्टल लॉन्च किए
. मातृ शक्ति राज्य की सबसे बड़ी ताकत, उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने में माताओ- बहनों की सबसे बड़ी भूमिका
पहाड़ का सच देहरादून।
सीएम धामी ने राज्य के सभी नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों को नसीहत दी है कि वे अपनी भूमिका को केवल एक “पद” के रूप में न देखें, बल्कि इसे जनसेवा के एक मिशन के रूप में अपनाएं।
उन्होंने कहा कि सभी को यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी “ट्रिपल इंजन” सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और कार्यों का लाभ समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे। आप सभी अपने-अपने निकाय कार्यालय को केवल एक प्रशासकीय इकाई ही नहीं, बल्कि उसे एक ‘सेवा केंद्र’ के रूप में विकसित करें, जहाँ प्रत्येक नागरिक बिना झिझक के पूरे विश्वास के साथ आएं। आप सभी पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी को अपनी कार्यशैली का मूल मंत्र बनाएं। आप लोग नियमित रूप से विशेषकर उन कार्यों की मॉनिटरिंग स्वयं करें, जिनमें भ्रष्टाचार की संभावना अधिक रहती है क्योंकि प्रशासनिक स्तर पर आपकी सतर्कता ही सुशासन की सबसे बड़ी गारंटी बन सकती है।
भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएं और अपने अधीनस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों को ये स्पष्ट संदेश दें कि किसी भी स्तर पर भ्रष्ट आचरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मेरा मानना है कि हमारी जिम्मेदारी केवल सत्ता में बने रहने की ही नहीं है, बल्कि हमारी असल जिम्मेदारी जनता की सेवा करने की है।
मुख्यमंत्री ने आज मुख्य सेवक सदन में शहरी विकास विभाग द्वारा आयोजित “शहर से संवाद” कार्यक्रम में राज्य के सभी नगर निगम एवं नगर पालिकाओं के जनप्रतिनिधियों से संवाद किया | इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शहरी विकास विभाग द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों की सहायता हेतु तैयार तीन वेब पोर्टल लॉन्च किए |
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नगर निकायों के कार्यालयों को डिजिटल करने, रजत जयंती पार्क बनाने, नगर निकायों में वेंडिंग जोन बनाने, भारत सरकार से टाइड फंड को अनटाइड करने का अनुरोध करने की तथा राज्य की प्रत्येक नगर निगम में 10, नगर पालिका में 5 तथा नगर पंचायत में 3 ही-टेक हैयर सैलून / पार्लर स्थापित करने हेतु स्थानीय महिला एवं पुरुषों हेतु प्रशिक्षण का कार्यक्रम चलाने की घोषणा की |
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सभी नगर निगम के महापौर एवं नगर पालिकाओं के अध्यक्षों सहित विभिन्न स्थानीय जनप्रतिनिधियों की समस्याओ को सुना तथा नोट किया |
.नगर निकाय शहरो की आत्मा -सीएम धामी
नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “शहरी सरकार” नगर निगम और नगर पालिकाएं किसी भी शहर की आत्मा हैं। यह न केवल बुनियादी सुविधाएं जनता तक पहुँचाने का कार्य करती हैं, बल्कि किसी शहर की दिशा और दशा तय करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
मुख्यमंत्री ने याद दिलाई नगर निकायों की जिम्मेदारिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है, कई नगरों में जल निकासी की समस्या बनी हुई है। साथ ही शहरों में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था को और अधिक सशक्त करने की आवश्यकता है। ट्रैफिक जाम अब शहरों में एक आम चुनौती बन चुका है, जिसे नियंत्रित करने के लिए स्थानीय निकायों को भी को विशेष प्रयास करने होंगे। इसके साथ ही हमें पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी प्राथमिकता के साथ कार्य करना होगा।
शहरी सरकार से सीएम धामी के विशेष अनुरोध
सभी नगर निकायों से अनुरोध करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आप लोगों को सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इन सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए संकल्पित होकर प्रयास करने होंगे। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूँ कि हमारी सरकार नगर निकायों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के सिद्धांत पर चलते हुए भारत को विकास और समृद्धि की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से आज देश के लाखों शहरों, कस्बों और नगरों में साफ-सफाई की एक नई संस्कृति विकसित हुई है। अमृत योजना के द्वारा शहरी बुनियादी ढांचे जैसे जल आपूर्ति, सीवरेज और हरित स्थानों को सशक्त किया गया है। .स्मार्ट सिटी मिशन द्वारा शहरी विकास को तकनीक और नागरिक सुविधा के साथ जोड़ते हुए एक आदर्श नगर विकास का मॉडल प्रस्तुत करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लाखों गरीब परिवारों को अपने स्वयं के पक्के घर प्राप्त हुए हैं।
इस अवसर पर मेयर देहरादून सौरभ थपलियाल, सहित सभी नगर निगमों के मेयर, नगर पालिकाओं के अध्यक्ष, सचिव नितेश कुमार झा, नगर आयुक्त श्रीमती नमामि बंसल, शहरी विकास विभाग के अधिकारी तथा विभिन्न स्थानीय निकायों के 100 से अधिक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे |
